क्या जापान की सुपर फॉर्मूला रेसिंग भारत का रुख कर रही है?
सारांश
Key Takeaways
- भारत में सुपर फॉर्मूला रेसिंग की संभावना बढ़ रही है।
- युवा ड्राइवरों के लिए अवसर सृजित होंगे।
- इससे मोटरस्पोर्ट उद्योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी।
- भारत का रेसिंग हब के रूप में विकास होगा।
- खेल पर्यटन में वृद्धि होगी।
ग्रेटर नोएडा, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय मोटरस्पोर्ट के प्रशंसकों के लिए एक महत्वपूर्ण और रोमांचक समाचार सामने आया है। दुनिया की सबसे तेज रेसिंग श्रृंखलाओं में से एक, जापान की प्रसिद्ध सुपर फॉर्मूला अब भारत में अपनी उपस्थिति को स्थापित करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। फॉर्मूला-1 के बाद इसे दूसरी सबसे तेज अंतरराष्ट्रीय रेसिंग श्रृंखला माना जाता है, जो भारत में रेस आयोजित करने की संभावनाओं की खोज कर रही है।
इस क्रम में, जापान रेस प्रमोशन कॉरपोरेशन (जेआरसी) का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल हाल ही में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से मिला। भारत में सुपर फॉर्मूला के सपने को साकार करने के लिए यह कदम उठाया गया। जेआरसी के प्रतिनिधिमंडल में योशिहिसा उएनो (प्रेसिडेंट), ताकुया होरी (टेक्निकल डायरेक्टर), ताकाशी मात्सुई (जीएम, कॉर्पोरेट स्ट्रैटेजी) और गेंकी मियूरा (असिस्टेंट मैनेजर, इंटरनेशनल सेल्स एंड मार्केटिंग) शामिल थे।
इस दल ने यमुना प्राधिकरण के सीईओ राकेश कुमार सिंह, एसीईओ नागेंद्र प्रताप सिंह और ओएसडी शैलेंद्र भाटिया से बातचीत की। चर्चा के दौरान, भारत में सुपर फॉर्मूला रेसिंग आयोजित करने की गहरी रुचि प्रकट की गई। प्रतिनिधिमंडल ने यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-25 स्थित बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट का निरीक्षण किया, जो एक अंतरराष्ट्रीय मानकों वाला विश्वस्तरीय रेस ट्रैक है। यह वही सर्किट है, जहाँ 2011 से 2013 के बीच फॉर्मूला-1 ग्रां प्री का आयोजन हुआ था।
सुपर फॉर्मूला के अधिकारी ट्रैक की संरचना, तकनीकी व्यवस्था और आयोजन की संभावनाओं को परखने के लिए पहुंचे थे। उनकी यह यात्रा भारत को सुपर फॉर्मूला कैलेंडर में एक नई मंजिल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। 50 साल पुरानी रेसिंग परंपरा: इस रेसिंग श्रृंखला ने 1973 से अब तक अपने 50 वर्षों का सफर पूरा किया है और यह विश्व के दिग्गज ड्राइवरों के लिए एक आकर्षण का केंद्र रही है।
सुपर फॉर्मूला की विशेषता यह है कि यह प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन का एक मंच प्रदान करती है। 2024-25 का सीजन खास होने वाला है, क्योंकि 17 वर्षीय जूजू नोदा इस प्रतियोगिता की पहली जापानी महिला ड्राइवर बनीं, जो महिला सशक्तिकरण और मोटरस्पोर्ट में बढ़ते अवसरों का एक बड़ा उदाहरण है।
तकनीक और लोकप्रियता का अनूठा संयोजन: सुपर फॉर्मूला का आधुनिक एसएफजीओ प्लेटफॉर्म रेसों के दौरान ड्राइवरों का रीयल-टाइम डेटा दुनिया भर के प्रशंसकों तक पहुंचाता है। इसके 50,000 से अधिक ग्लोबल यूजर्स हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, खासकर यूट्यूब और एक्स पर इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है और हर साल दर्शकों की संख्या नए रिकॉर्ड बना रही है। इस सुपर फॉर्मूला की मेज़बानी से भारत को कई लाभ होंगे, जिनमें मोटरस्पोर्ट उद्योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान, युवा ड्राइवरों को विश्वस्तरीय प्रतिभा से सीखने का मौका, खेल पर्यटन के जरिए निवेश और रोजगार और देश की छवि एक उभरते रेसिंग हब के तौर पर मजबूत होगी।