क्या जौनपुर में कफ सिरप के तीन आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया?
सारांश
Key Takeaways
- पुलिस ने तीन फर्म संचालकों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है।
- भोला जायसवाल को रिमांड पर लिया गया है।
- यह मामला एक संगठित नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है।
- सरकार अवैध दवा व्यापार को रोकने के लिए गंभीर है।
- समाजवादी पार्टी ने आरोपों का खंडन किया है।
जौनपुर, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पुलिस ने कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध कारोबार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। पुलिस ने तीन फर्म संचालकों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। ये तीनों आरोपी जांच में नाम आने के बाद से फरार चल रहे हैं।
इसके साथ ही अन्य जिले में गिरफ्तार भोला जायसवाल को भी रिमांड पर लिया गया है। इस कार्रवाई से अवैध दवा कारोबार से जुड़े लोगों में हड़कंप मच गया है। पुलिस का मानना है कि यह मामला केवल अवैध बिक्री तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार एक संगठित नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं, जिसकी परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं।
मामले की जांच कर रही एसआईटी के प्रमुख सहायक पुलिस अधीक्षक गोल्डी गुप्ता ने कहा कि कोडीन युक्त कफ सिरप के दुरुपयोग और अवैध आपूर्ति के संबंध में सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि तीन फर्म मालिकों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है, ताकि आरोपियों के जिले से बाहर या विदेश भाग जाने पर भी रोक लगाई जा सके।
गोल्डी गुप्ता ने बताया कि आरोपियों ने एफआईआर को रद्द करने की याचिका डाली थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया। ऐसे में आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास तेज किए जाएंगे। इसके अलावा, आरोपी भोला जायसवाल को भी रिमांड पर लिया गया है और 21 दिसंबर को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। एसआईटी भोला से पूछताछ के लिए 14 दिन की कस्टडी मांगेगी।
सहायक पुलिस अधीक्षक और एसआईटी प्रमुख गोल्डी गुप्ता ने बताया कि हमारे जनपद में सिरप से जुड़े दो मुकदमे दर्ज हैं। इस संबंध में कुछ अभियुक्तों के लिए लुकआउट सर्कुलर निकाले गए हैं, ताकि भविष्य में वे देश छोड़ने का प्रयास न कर सकें। इसके अलावा, न्यायालय के आदेश के समर्थन में गिरफ्तारी की कोशिश भी की जाएगी।
वहीं, समाजवादी पार्टी के विधायक आरके वर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उन आरोपों को खारिज किया, जिसमें उन्होंने कोडीन कफ सिरप प्रकरण में समाजवादी पार्टी के कई लोगों के शामिल होने की बात कही थी।
उन्होंने शुक्रवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में आरोप लगाया कि पिछले सात-आठ साल से कोडीन कफ सिरप प्रकरण में संलिप्त लोगों को राज्य सरकार ने संरक्षण दिया था। अब जब यह बात उजागर हुई कि इस सिरप में मानक से ज्यादा सल्फेट पाया गया है, जो दिमाग के नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है, तब भी सरकार इस संबंध में कोई उत्तर नहीं देना चाहती।