क्या एसआईआर के खिलाफ बयान देना गिरधारी यादव के लिए भारी पड़ेगा?

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क्या एसआईआर के खिलाफ बयान देना गिरधारी यादव के लिए भारी पड़ेगा?

सारांश

क्या गिरधारी यादव का बयान जदयू के लिए समस्या बन सकता है? जानिए कैसे जदयू ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा है। क्या ये चुनावी साल में उनकी राजनीतिक स्थिति को प्रभावित करेगा?

Key Takeaways

  • जदयू ने गिरधारी यादव को कारण बताओ नोटिस भेजा।
  • मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण चल रहा है।
  • गिरधारी यादव ने पार्टी लाइन के खिलाफ बयान दिया था।
  • बयान से पार्टी की छवि पर असर पड़ सकता है।
  • पार्टी ने अनुशासन बनाए रखने की आवश्यकता बताई।

पटना, २४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अपने अंतिम चरण में पहुँच गया है। इस बीच, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सांसद गिरधारी यादव को एसआईआर के खिलाफ बोलने का भारी परिणाम भुगतना पड़ सकता है। जदयू ने गिरधारी यादव को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

जनता दल (यूनाइटेड) ने सांसद गिरधारी यादव को इस नोटिस में बताया है कि आपने भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा चलाए जा रहे मतदाता सूचियों के 'विशेष गहन पुनरीक्षण' पर अपनी राय व्यक्त की है। आपको पता होना चाहिए कि संविधान के अनुच्छेद- ३२४ और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम- १९५० के तहत भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण का आदेश दिया है।

जदयू ने आगे कहा कि आप यह भी जानते हैं कि कुछ विपक्षी दल अपने चुनावी परिणामों से निराश होकर भारत निर्वाचन आयोग को बदनाम करने के लिए विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के मुद्दे पर जनता में संदेह उत्पन्न करने का अभियान चला रहे हैं। हमारी पार्टी ने हमेशा चुनाव आयोग और ईवीएम के उपयोग का समर्थन किया है, चाहे वह भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन में हो या अब एनडीए गठबंधन का हिस्सा होने के नाते।

पार्टी ने स्पष्ट किया कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर आपकी सार्वजनिक टिप्पणियाँ, विशेषकर चुनावी वर्ष में, न केवल पार्टी के लिए शर्मिंदगी का कारण बनती हैं, बल्कि विपक्ष द्वारा लगाए गए निराधार और राजनीति से प्रेरित आरोपों को भी विश्वसनीयता प्रदान करती हैं। जदयू आपके आचरण को अनुशासनहीनता मानता है। इसलिए, आपसे अनुरोध है कि इस नोटिस की प्राप्ति के १५ दिनों के भीतर उत्तर दें, अन्यथा आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

इससे पहले, जदयू सांसद गिरधारी यादव ने एसआईआर के संदर्भ में प्रश्न उठाते हुए पार्टी की लाइन के खिलाफ बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भारत निर्वाचन आयोग को व्यावहारिक ज्ञान नहीं है। उन्हें न तो बिहार के इतिहास का ज्ञान है और न ही भूगोल का। मुझे सभी दस्तावेज़ एकत्र करने में दस दिन लग गए। मेरा बेटा अमेरिका में रहता है, वह एक महीने के अंदर हस्ताक्षर कैसे करेगा? यह मतदाता सूची पुनरीक्षण हमारे ऊपर जबरदस्ती थोपा गया है। इसके लिए हमें ६ महीने का वक्त मिलना चाहिए था।

Point of View

यह घटना जदयू के लिए चुनौतीपूर्ण है। गिरधारी यादव का बयान न केवल पार्टी की छवि को प्रभावित कर सकता है, बल्कि यह चुनावी रणनीति में भी बाधा डाल सकता है। ऐसी स्थिति में, पार्टी को अपनी नीतियों को स्पष्ट करने और अनुशासन बनाए रखने की आवश्यकता है।
NationPress
25/07/2025

Frequently Asked Questions

जदयू ने गिरधारी यादव को नोटिस क्यों भेजा?
जदयू ने गिरधारी यादव को भारत निर्वाचन आयोग के खिलाफ उनके बयानों के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा है।
मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण क्या है?
मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण उस प्रक्रिया को संदर्भित करता है जिसमें निर्वाचन आयोग मतदाता सूचियों की जांच और अद्यतन करता है।
गिरधारी यादव ने एसआईआर पर क्या कहा?
गिरधारी यादव ने भारत निर्वाचन आयोग के ज्ञान पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें बिहार के इतिहास और भूगोल का ज्ञान नहीं है।