क्या जीतन राम मांझी ने बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात की?

सारांश
Key Takeaways
- दलित समुदाय के लिए शिक्षा की पहुंच बढ़ाना आवश्यक है।
- राजभवन का सकारात्मक योगदान महत्वपूर्ण है।
- उच्च शिक्षा में प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है।
- शिक्षा और कौशल विकास से आर्थिक सशक्तिकरण संभव है।
- राज्यपाल की पारदर्शिता की सराहना की गई।
पटना, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री जीतन राम मांझी ने शनिवार को बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से राजभवन में मुलाकात की। इस बैठक में उन्होंने समाज के सबसे निचले स्तर पर स्थित लोगों तक शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने पर गहन चर्चा की।
जीतन राम मांझी ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि राजभवन दलित समुदाय को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय इस दिशा में राजभवन के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है।
उन्होंने विश्वविद्यालयों में सीनियर सीनेट सदस्यों के रूप में दलितों का प्रतिनिधित्व देने की मांग की। उनका मानना है कि वंचित वर्गों को केवल शिक्षित करना ही नहीं, बल्कि उच्च शिक्षा में उनकी भागीदारी बढ़ाकर समाज में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं।
मांझी ने कहा, "दलित और वंचित समुदायों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त करना आज के समय की आवश्यकताओं में से एक है। यह समाज में समानता और समावेशिता को बढ़ावा देगा। हमने राज्यपाल से इस दिशा में ठोस कदम उठाने का अनुरोध किया।"
केंद्रीय मंत्री ने राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालयों में रजिस्ट्रार और परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति प्रक्रिया में अपनाई गई पारदर्शिता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह कदम अत्यंत सकारात्मक है और इससे बिहार में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार हो रहा है।
जीतन राम मांझी ने कहा, "राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के निर्णयों ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा दी है। इसके लिए राज्य की जनता हमेशा उनकी आभारी रहेगी।"
इस मुलाकात के दौरान मांझी ने एमएसएमई मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों का भी उल्लेख किया, जो वंचित समुदायों के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से दलित और पिछड़े वर्गों को आर्थिक रूप से सशक्त किया जा सकता है।