क्या गिरिराज सिंह का विपक्ष पर हमला, कुछ लोग 'वंदे मातरम' की बजाय 'बाबरी मस्जिद' को मानते हैं?
सारांश
Key Takeaways
- गिरिराज सिंह ने 'वंदे मातरम' के महत्व पर जोर दिया।
- उन्होंने विपक्ष पर गंभीर आरोप लगाए।
- ममता बनर्जी पर भी हुमायूं कबीर के मुद्दे को लेकर सवाल उठाए।
- यह मामला राजनीतिक तनाव को बढ़ा सकता है।
दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने संसद में सोमवार को 'वंदे मातरम' के 150 साल पूरे होने के अवसर पर विपक्ष पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस महान गीत का कोई सम्मान नहीं करते और इसके बजाय बाबरी मस्जिद को मानते हैं।
गिरिराज सिंह ने संसद परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "'वंदे मातरम' के 150 साल पूरे हो चुके हैं। यह गीत बंगाल की भूमि से ही स्वतंत्रता का प्रतीक बना था और यह भारत की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। इसे संसद में चर्चा का विषय बनाना आवश्यक है।"
उन्होंने आगे कहा, "यदि इस भव्य लोकतंत्र के मंदिर में 'वंदे मातरम' पर चर्चा नहीं होगी, तो और कहाँ होगी? कुछ लोग तो इसका सम्मान नहीं करते, बल्कि वे बाबरी मस्जिद को मानते हैं।"
पश्चिम बंगाल के बेलडांगा में निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर द्वारा 'बाबरी मस्जिद' की नींव रखे जाने के बाद, गिरिराज सिंह ने तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, "यह नींव हुमायूं कबीर ने नहीं, बल्कि ममता बनर्जी ने रखवाई है। अब वह नाटक कर रही हैं और अपने नेताओं व सांसदों से इसके खिलाफ बयान दिलवा रही हैं।"
गिरिराज सिंह ने बंगाल में 'बाबरी मस्जिद' के निर्माण को ममता बनर्जी का एक छिपा हुआ एजेंडा बताया। उन्होंने कहा, "यह नींव एक सोची-समझी रणनीति के तहत डाली गई है। इसका विरोध केवल बंगाल में नहीं होगा, बल्कि ममता बनर्जी को भी इसकी सजा भुगतनी पड़ेगी।"
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने भी 'बाबरी मस्जिद' विवाद को लेकर ममता बनर्जी पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "उन्हें बताना चाहिए कि उनके नेतृत्व में बंगाल में सस्पेंड टीएमसी विधायक 'बाबर' के नाम पर मस्जिदें कैसे बन रही हैं। देश 'परशुराम' की विचारधारा पर चलेगा, न कि विदेशी हमलावरों और लुटेरों के रास्ते पर। ममता बनर्जी बंगाल को खतरे में डाल रही हैं, लेकिन बंगाल की जनता इसका करारा जवाब देगी।"