क्या लैंड फॉर जॉब घोटाले में 103 आरोपियों की स्टेटस रिपोर्ट पेश कर पाएगी सीबीआई?
सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई को दो दिन का अतिरिक्त समय मिला है।
- अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।
- 103 आरोपियों में से कई अब जीवित नहीं हैं।
- इस मामले में भ्रष्टाचार की गंभीरता पर चर्चा हो रही है।
नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में लैंड फॉर जॉब (जमीन के बदले नौकरी) से जुड़े एक प्रमुख मामले की सुनवाई सोमवार को हुई। इस दौरान अदालत ने सीबीआई को सभी आरोपियों की विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए दो दिन का अतिरिक्त समय प्रदान किया। अगली सुनवाई अब 10 दिसंबर को होगी।
यह मामला लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, सांसद मीसा भारती, हेमा यादव और तेज प्रताप यादव सहित कुल 103 आरोपियों से संबंधित है। सीबीआई ने अपनी जांच और चार्जशीट में यह दावा किया है कि रेलवे में नौकरी के बदले बड़ी मात्रा में जमीन ली गई और अधिकांश लेनदेन नकद में किया गया। एजेंसी का आरोप है कि यह प्रक्रिया योजनाबद्ध भ्रष्टाचार का हिस्सा थी।
अदालत ने सीबीआई से कहा था कि कई आरोपी अब जीवित नहीं हैं, इसलिए यह स्पष्ट होना आवश्यक है कि किस आरोपी की क्या स्थिति है। किसकी भूमिका क्या है और किनके खिलाफ आगे कार्रवाई संभव है। इसी जानकारी के लिए कोर्ट ने विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी।
सीबीआई ने अदालत से रिपोर्ट तैयार करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
इस मामले में सीबीआई ने चार्जशीट आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी), 468-467 (जालसाजी), 471 (फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल) के तहत दाखिल की है। इसके अतिरिक्त प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 11, 12, 13, 8 और 9 भी शामिल की गई हैं।
एजेंसी का आरोप है कि पद का दुरुपयोग कर नौकरी दिलाने के बदले लोगों से जमीन ली गई। कुछ स्थानों पर सेल डीड मौजूद हैं, लेकिन अधिकांश ट्रांजैक्शन नकद और हवाला जैसे तरीकों से किए गए। सीबीआई का मानना है कि यह भ्रष्टाचार बड़े पैमाने पर किया गया था।
इससे पहले 4 दिसंबर को भी फैसला सुनाने की संभावना जताई गई थी, लेकिन आरोपियों की स्थिति स्पष्ट न होने के कारण फैसला टाल दिया गया था। अदालत ने सीबीआई को 8 दिसंबर तक सभी आरोपियों की स्थिति बताने का निर्देश दिया था, जिसकी जानकारी अभी पूरी नहीं हो पाई। इसी वजह से सुनवाई अब 10 दिसंबर को होगी।
लैंड फॉर जॉब घोटाला पिछले कुछ वर्षों से देश की राजनीति और जांच एजेंसियों के बीच बहस का बड़ा मुद्दा बना हुआ है।