क्या झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद सीएम सख्त होंगे? जर्जर सरकारी भवनों की होगी समीक्षा: अविनाश गहलोत

सारांश
Key Takeaways
- झालावाड़ स्कूल हादसा एक गंभीर त्रासदी है।
- सरकारी भवनों की स्थिति की समीक्षा की जाएगी।
- राज्य सरकार सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी।
- सभी नागरिकों को जागरूक रहने की आवश्यकता है।
- भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
झुंझुनूं, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव में सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात मासूम बच्चों की दुखद मौत ने पूरे राजस्थान को स्तब्ध कर दिया है। इस दुखद घटना के बाद राज्य सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है और जर्जर सरकारी भवनों की स्थिति की समीक्षा के लिए त्वरित कदम उठाए हैं।
झुंझुनूं जिले के दौरे पर आए राज्य के कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस हादसे के बाद विशेष बैठक बुलाकर सभी कलेक्टर्स, मंत्रियों और विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों में जर्जर सरकारी भवनों की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।
मंत्री गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि जिन भवनों की हालत खराब है, उन्हें तत्काल चिन्हित कर मरम्मत या पुनर्निर्माण का कार्य शुरू किया जाए।
उन्होंने आगे कहा, “प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस दिशा में किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है और सभी स्तरों पर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।”
उन्होंने कांग्रेस पार्टी की बयानबाजी पर पलटवार करते हुए कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं, बल्कि एकजुट होकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए काम करने का है। यह हादसा बेहद पीड़ादायक है। इस मामले को मुख्यमंत्री स्वयं संवेदनशीलता के साथ देख रहे हैं और संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। विपक्ष को भी सहयोग करना चाहिए, न कि राजनीतिक लाभ के लिए बयानबाजी करनी चाहिए।
मंत्री अविनाश गहलोत ने आमजन से भी अपील की कि यदि उन्हें कहीं भी सरकारी भवन की स्थिति खराब दिखे, तो वे तुरंत स्थानीय प्रशासन को सूचित करें। इससे समय रहते कार्रवाई हो सकेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा। सरकार इस दिशा में त्वरित और प्रभावी कदम उठा रही है ताकि हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।