क्या झारखंड के जेजेएमपी संगठन को नक्सलियों के आत्मसमर्पण से बड़ा झटका मिला?

सारांश
Key Takeaways
- जेजेएमपी संगठन को बड़ा झटका लगा है।
- 9 सक्रिय नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
- नक्सलियों के पास भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद था।
- सुरक्षा बलों की मुहिम में सफलता।
- झारखंड में नक्सलवाद की स्थिति में बदलाव।
लातेहार, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) नक्सली संगठन को एक बड़ा झटका लगा है। इस संगठन के 9 सक्रिय नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर नक्सलियों के आत्मसमर्पण की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि झारखंड में नक्सलियों को एक बड़ा झटका लगा है। जेजेएमपी को इस प्रकार से 9 सक्रिय नक्सलियों के आत्मसमर्पण से बहुत नुकसान हुआ है। यह आत्मसमर्पण सोमवार को लातेहार के एसपी कार्यालय में सीआरपीएफ, एसएसबी और झारखंड पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने हुआ।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में जोनल और सब-जोनल कमांडर शामिल हैं, इसके साथ ही 5 नकद इनामी नक्सली भी हैं। इन नक्सलियों के पास भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद था, जिसमें 12 आग्नेयास्त्र (5 एके राइफल, 3 एसएलआर, 4 सेल्फ-लोडिंग राइफल), 26 मैगजीन और 1,700 से अधिक जिंदा कारतूस शामिल हैं।
हाल में, झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले की पुलिस ने छत्तीसगढ़ के कुख्यात माओवादी कमांडर संदीप उर्फ हिडिमा पाडेयाम सहित दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया था। इनके पास से एक पिस्टल, 11 कारतूस, दो मैगजीन, दो वॉकी-टॉकी, डेटोनेटर और आईईडी बनाने का सामान बरामद किया गया था।
इस मामले में चाईबासा के पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर एएसपी पारस राणा के नेतृत्व में पुलिस और कोबरा 209 बटालियन ने जराईकेला थाना क्षेत्र के सारंडा जंगल से नक्सलियों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए दूसरे नक्सली की पहचान माओवादी एरिया कमेटी के सदस्य शिवा बोदरा उर्फ शिबु (निवासी- कुचाई, सरायकेला) के रूप में हुई।