क्या झारखंड में एचडीएफसी बैंक डकैती कांड में बिहार के 11 अपराधियों की गिरफ्तारी हुई?
सारांश
Key Takeaways
- झारखंड के देवघर में एचडीएफसी बैंक में डकैती हुई।
- 11 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया।
- आरोपी बिहार के वैशाली से हैं।
- पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर गिरोह का पता लगाया।
- डकैती के समय लगभग दो करोड़ रुपए की लूट हुई थी।
देवघर, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के देवघर जिले के मधुपुर शहर में स्थित एचडीएफसी बैंक में 22 सितंबर को हुई लगभग दो करोड़ रुपए की डकैती का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस घटना में पुलिस ने 11 अपराधियों को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपी बिहार के वैशाली जिले के निवासी हैं और एक संगठित आपराधिक गिरोह से जुड़े हैं।
पुलिस ने उनके पास से एक देसी पिस्तौल, दो जिंदा कारतूस, एक नकाब, दो एटीएम कार्ड, 10 मोबाइल फोन, एक कार और 5.50 लाख रुपए बरामद किए हैं। देवघर पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर चार विशेष छापामारी दलों ने यह सफलता हासिल की। इन टीमों ने अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (सदर, सारठ, मधुपुर) और पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) के नेतृत्व में झारखंड, बिहार और अन्य राज्यों में लगातार अभियान चलाया।
पुलिस ने बैंक और उसके आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज का बारीकी से विश्लेषण किया और मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) के आधार पर अपराधियों का पता लगाया। कई दिनों की मेहनत और तकनीकी साक्ष्यों के माध्यम से पुलिस ने गिरोह के मुख्य सदस्यों को पकड़ लिया।
गिरफ्तार अपराधियों में विकास कुमार (भैरोपुर, थाना बिदुपुर), सन्नी सिंह उर्फ सूरज कुमार सिंह (अदलपुर, थाना सदर), गौतम कुमार (भैरोपुर), अन्नू सिंह उर्फ राहुल सिंह (नगर हाजीपुर), आकाश कुमार (पोखरा मोहल्ला, नगर हाजीपुर), सोनू कुमार (अदलपुर), इंद्रजीत उर्फ कुंदन सिंह (देसरी), रोहित कुमार (भैरोपुर), आनंद राज उर्फ टुकटुक (अदलपुर), रितेश कुमार उर्फ छोटू (अदलपुर), और विशाल कुमार सिंह (बलवा कुआरी, थाना सदर, वैशाली) शामिल हैं।
यह उल्लेखनीय है कि 22 सितंबर को दोपहर लगभग एक बजे, मधुपुर स्थित एचडीएफसी बैंक में हथियारबंद अपराधियों ने धावा बोला था और लगभग दो करोड़ कैश लेकर भाग गए थे। पुलिस की जांच में यह भी पता चला है कि गिरफ्तार किए गए आरोपी पेशेवर अपराधी हैं, जो पहले भी लूट, चोरी और हथियारबंदी जैसी वारदातों में शामिल रहे हैं।
देवघर पुलिस को संदेह है कि डकैती से पहले इस गिरोह के सदस्यों ने राज्य के अन्य बैंकों और एटीएम की भी रेकी की थी। फिलहाल, पुलिस गिरोह के नेटवर्क और संभावित सहयोगियों की पहचान में जुटी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह खुलासा पुलिस की तकनीकी दक्षता, समन्वय और निरंतर प्रयास का परिणाम है।