क्या झारखंड में चर्च में डकैती और धर्मगुरुओं पर हमले के खिलाफ ईसाई धर्मावलंबियों ने निकाला आक्रोश मार्च?

सारांश
Key Takeaways
- झारखंड में चर्च पर हमला हुआ।
- धर्मगुरुओं से लाखों की लूट हुई।
- ईसाई धर्मावलंबियों ने आक्रोश मार्च निकाला।
- प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की गई।
- यह घटना मानवता पर हमला है।
सिमडेगा, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के सिमडेगा जिले के कोचेडेगा थाना क्षेत्र में एक चर्च में डकैती और धर्मगुरुओं पर हमले के खिलाफ रविवार को हजारों की संख्या में लोगों ने सिमडेगा जिला मुख्यालय में आक्रोश मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने भारत के राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा, जिसमें घटना को अंजाम देने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की गई।
आदिवासी जागरूकता मंच के बैनर तले आयोजित इस प्रदर्शन में जिले भर से ईसाई धर्मावलंबी, स्त्री, पुरुष, बुजुर्ग और बच्चे शामिल हुए। विरोध मार्च सिमडेगा की प्रमुख सड़कों से होते हुए समाहरणालय परिसर तक पहुंचा। प्रदर्शनकारियों ने हमले की घटना के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि 2 अक्टूबर को जब पूरे देश में गांधी जयंती और अहिंसा दिवस मनाया जा रहा था, उसी दिन कोचेडेगा थाना क्षेत्र के तुमडेगी चर्च में असामाजिक तत्वों ने हमला कर दो ईसाई धर्मगुरुओं से लाखों रुपए की लूटपाट की। उनके साथ साथ मारपीट भी की गई। घटना के तीन दिन बाद भी पुलिस ने अब तक हमलावरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह केवल धर्मगुरुओं पर नहीं, बल्कि मानवता पर हमला है। जो धर्मगुरु समाज में शिक्षा और नैतिक मूल्यों के प्रसार का कार्य करते हैं, उन्हें बार-बार निशाना बनाया जाना चिंता का विषय है।
आदिवासी जागरूकता मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं निरंतर सामने आ रही हैं, जिससे आदिवासी-मूलवासी और ईसाई समुदाय के लोग भय के साये में जीने को मजबूर हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन जल्दी कार्रवाई नहीं करता, तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा। विरोध मार्च के बाद उपायुक्त को सौंपे गए ज्ञापन में मांग की गई है कि धार्मिक अल्पसंख्यकों, धर्मगुरुओं, धर्मबहनों और शिक्षण संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। मंच ने यह भी आग्रह किया कि इन घटनाओं पर अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 के तहत मामला दर्ज कर त्वरित कार्रवाई की जाए।