क्या फर्जी ट्रेडिंग ऐप के जरिए करोड़ों की ठगी का खुलासा हो गया?

सारांश
Key Takeaways
- साइबर ठगी के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।
- फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स से बचने के लिए सतर्क रहें।
- पुलिस को तुरंत रिपोर्ट करें यदि आप ठगी का शिकार होते हैं।
- सामाजिक मीडिया और अनजान विज्ञापनों पर भरोसा न करें।
- डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहने के लिए जागरूकता आवश्यक है।
रांची, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड पुलिस के क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) ने एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का खुलासा किया है। फर्जी ट्रेडिंग ऐप के माध्यम से लोगों से करोड़ों रुपये ठगने के आरोप में, सीआईडी की साइबर क्राइम यूनिट ने महाराष्ट्र के नागपुर से दो संदिग्धों, जयंत ताराचंद और अजय रामभरोसे, को गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार, 4 अगस्त को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्हें फेसबुक, व्हाट्सएप और गूगल सर्च के माध्यम से एनजे फायनेंसियल रिसर्च नामक एक फर्जी कंपनी का विज्ञापन मिला। इसमें आकर्षक निवेश योजनाओं का लालच दिया गया था, जिससे जल्दी और ज्यादा मुनाफा कमाने का दावा किया गया था।
पीड़ित ने बताया कि उसे एचएनएसी ऐप पर निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया, जिसमें कम समय में 5 से 10 गुना मुनाफे का झूठा वादा किया गया था। इस झांसे में आकर उसने 23 लाख रुपए का निवेश किया, जिसे आरोपियों ने अवैध तरीके से विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर लिया।
सीआईडी ने बताया कि जांच में यह बात सामने आई कि आरोपियों ने पीड़ितों को अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में पैसे जमा करवाने के लिए उकसाया। पुलिस ने इन खातों की ट्रैकिंग कर आवश्यक डिजिटल सबूत इकट्ठा किए हैं। इस कार्रवाई से कई अन्य पीड़ितों के फंसे होने की संभावना भी सामने आई है।
गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है। साथ ही, सीआईडी अन्य ऐसे फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स और कंपनियों की पहचान कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने में लगी हुई है। पुलिस ने लोगों को चेतावनी दी है कि किसी भी निवेश के लिए सर्च इंजन, सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स पर आने वाले अनजान विज्ञापनों पर भरोसा न करें।
झारखंड पुलिस ने कहा कि डिजिटल और साइबर अपराधों पर नकेल कसी जा रही है और सभी ऐसे मामलों में तेजी से कार्रवाई की जाएगी।