क्या झारखंड का चतरा आकांक्षी जिलों की डेल्टा रैंकिंग में सबसे ऊपर है? 10 करोड़ का पुरस्कार मिलेगा!

सारांश
Key Takeaways
- चतरा ने डेल्टा रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
- 10 करोड़ का पुरस्कार मिलने की संभावना।
- नीति आयोग ने चतरा की प्रगति की सराहना की।
- सामूहिक प्रयासों का महत्व है।
- आकांक्षी जिला कार्यक्रम का प्रभाव दिखा।
रांची, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के चतरा जिले ने देश के 112 आकांक्षी जिलों की डेल्टा रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। नीति आयोग की ओर से शुक्रवार को हुई ऑनलाइन समीक्षा बैठक में इस उपलब्धि का ऐलान किया गया।
यह रैंकिंग 2025 के मार्च में भारत के आकांक्षी जिलों में विभिन्न योजनाओं की प्रगति और उपलब्धियों के मूल्यांकन के बाद जारी की गई है।
झारखंड सरकार ने आधिकारिक रूप से बताया है कि यह सफलता जिला प्रशासन और विभिन्न विभागों के संयुक्त प्रयासों, नवाचारों और योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन का परिणाम है।
नीति आयोग ने चतरा जिले की बहुआयामी प्रगति विशेषकर स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, वित्तीय समावेशन और बुनियादी ढांचे में बेहतर प्रदर्शन के लिए सराहना की है।
हर महीने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिले को नीति आयोग द्वारा 10 करोड़पुरस्कार राशि दी जाती है, जिसका उद्देश्य जिला स्तर पर विकासात्मक पहलों को आगे बढ़ाना है।
चतरा की उपायुक्त कीर्तिश्री ने जिले की प्रशासनिक टीम, विभागीय अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और जनता को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान जिले के लिए गर्व का विषय है।
उन्होंने कहा कि हमें मिलकर बेहतरीन प्रदर्शन के लिए अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखना होगा। यह सफलता आकांक्षी जिला कार्यक्रम के उद्देश्यों को साकार करने की दिशा में चतरा जिले की मजबूत पहल और सतत प्रयास का प्रमाण है।
नीति आयोग ने झारखंड के गढ़वा को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले जिले के रूप में चिन्हित किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर 2018 में शुरू किए गए आकांक्षी जिला अभियान (एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स प्रोग्राम) के तहत देश भर के 112 सबसे अविकसित जिलों का चयन किया गया था। इन जिलों को तेजी से विकास के पथ पर लाना लक्ष्य है।
केंद्र सरकार इन जिलों के लिए विकास योजनाओं हेतु अलग से फंड प्रदान करती है। इस अभियान के अंतर्गत जिलों को पांच मापदंडों के आधार पर हर महीने डेल्टा रैंकिंग दी जाती है। स्वास्थ्य और पोषण के लिए 31 डाटा प्वाइंट्स और 30 प्रतिशत का वेटेज दिया जाता है।
इसी तरह शिक्षा के लिए 14 डाटा प्वाइंट और 30 प्रतिशत, कृषि और सिंचाई के लिए 12 डाटा प्वाइंट और 20 प्रतिशत, वित्तीय समावेशन और कौशल विकास के लिए 16 प्वाइंट और 10 प्रतिशत, और बुनियादी ढांचे के लिए 8 डाटा प्वाइंट और 10 प्रतिशत का वेटेज दिया जाता है।