क्या झारखंड के निलंबित आईएएस छवि रंजन को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली?

सारांश
Key Takeaways
- छवि रंजन को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है।
- वे पिछले दो साल से मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में न्यायिक हिरासत में थे।
- ईडी ने उनके खिलाफ दो मामले दर्ज किए हैं।
- जमानत के बाद उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है।
- यह मामला प्रशासनिक तंत्र पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है।
रांची, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद झारखंड के निलंबित आईएएस अधिकारी छवि रंजन को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से महत्वपूर्ण राहत मिली है। न्यायमूर्ति जॉयमाला बागची और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने उन्हें कुछ शर्तों के साथ जमानत देने का निर्णय लिया है। छवि रंजन पिछले दो वर्षों से अधिक समय से रांची में सेना से संबंधित भूमि घोटाले के मामले में न्यायिक हिरासत में थे।
अदालत ने जमानत के दौरान उन्हें बिना अनुमति देश छोड़ने से रोकने और आवश्यकतानुसार जांच एजेंसियों से सहयोग करने का निर्देश दिया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छवि रंजन को 4 मई 2023 को गिरफ्तार किया था। तब से वे न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले में उनकी जमानत याचिका पहले पीएमएलए कोर्ट और फिर झारखंड हाईकोर्ट द्वारा खारिज कर दी गई थी।
ईडी ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित दो मामले दर्ज किए हैं और इन दोनों मामलों में पीएमएलए कोर्ट में सुनवाई जारी है। इनमें से एक मामला रांची के चेशायर होम रोड पर स्थित एक एकड़ जमीन के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खरीद-बिक्री से संबंधित है, जिसमें छवि रंजन को पहले ही हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी थी।
दूसरा मामला बरियातू स्थित सेना की कब्जे वाली करीब साढ़े चार एकड़ जमीन की हेराफेरी से संबंधित है, जिसमें अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। इस मामले में ईडी ने छवि रंजन के अलावा कई अन्य आरोपियों का भी नाम लिया है।
इनमें प्रसिद्ध व्यापारी विष्णु अग्रवाल, बड़गाईं अंचल के राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, फर्जी रैयत प्रदीप बागची, जमीन कारोबारी अफसर अली, फैयाज खान, मोहम्मद सद्दाम, इम्तियाज खान, तल्हा खान, अमित अग्रवाल और दिलीप घोष शामिल हैं।
छवि रंजन 2011 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और पूर्व में रांची तथा कोडरमा जिले के उपायुक्त रह चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।