क्या झारखंड के ‘अटल मोहल्ला क्लिनिक’ अब मदर टेरेसा के नाम से जाने जाएंगे?

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क्या झारखंड के ‘अटल मोहल्ला क्लिनिक’ अब मदर टेरेसा के नाम से जाने जाएंगे?

सारांश

झारखंड की कैबिनेट ने अटल मोहल्ला क्लिनिक का नाम बदलकर मदर टेरेसा एडवांस हेल्थ क्लिनिक रखने का निर्णय लिया। यह निर्णय भाजपा प्रवक्ता के विरोध के बीच आया है। जानें इस नए नामकरण के पीछे की कहानी और क्या है इसका राजनीतिक प्रभाव।

Key Takeaways

  • अटल मोहल्ला क्लिनिक का नाम अब मदर टेरेसा के नाम पर रखा गया है।
  • कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया।
  • भाजपा ने इस निर्णय का विरोध किया।
  • राज्य में 140 मोहल्ला क्लिनिक संचालित हैं।
  • शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में कई नए नियम लागू किए गए हैं।

रांची, २४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड सरकार द्वारा चलाए जा रहे सभी अटल मोहल्ला क्लिनिक अब मदर टेरेसा एडवांस हेल्थ क्लिनिक के नाम से जाने जाएंगे। यह महत्वपूर्ण निर्णय गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया।

राज्यभर में लगभग १४० मोहल्ला क्लिनिक संचालित हैं। इनका उद्देश्य शहरी और ग्रामीण गरीबों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उनके गांवों-मुहल्लों में उपलब्ध कराना है। इस निर्णय का भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि जब भी झारखंड में विकास की दिशा में कोई सकारात्मक पहल होती है, झामुमो सरकार उसे विवाद में घसीटने का प्रयास करती है।

उन्होंने आरोप लगाया कि आयुष्मान भारत और अटल मोहल्ला क्लिनिक जैसी योजनाएं भाजपा की क्रांतिकारी सोच की देन हैं, जिनसे आम लोगों को सुलभ स्वास्थ्य सेवा मिली है। लेकिन हेमंत सरकार इन योजनाओं का नाम बदलकर अपने राजनीतिक एजेंडे को साध रही है, जो निंदनीय है।

अजय साह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी झारखंड राज्य के निर्माता रहे हैं और उनका नाम झारखंड के जन-जन में बसा है। ऐसे में उनके नाम को हटाना न केवल भारत रत्न का अपमान है, बल्कि पूरे झारखंड की आत्मा का अपमान भी है। उन्होंने सुझाव दिया कि नई स्वास्थ्य योजना को नए नाम से शुरू किया जाए, लेकिन पहले से स्थापित योजनाओं का नाम बदलना ओछी राजनीति है।

भाजपा प्रवक्ता ने यह भी कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब हेमंत सरकार ने महान राष्ट्रनायकों के नाम बदलने की कोशिश की है। उन्होंने डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के नाम बदलने का उदाहरण दिया और कहा कि झारखंड की जनता ऐसे फैसलों को कभी स्वीकार नहीं करेगी।

इसके अलावा, कैबिनेट ने झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक-2025 के ड्राफ्ट को मंजूरी दी है। इसे मानसून सत्र में विधानसभा में पेश किया जाएगा। इसके तहत राज्य के सभी सरकारी विश्वविद्यालय अब समान नियमों के तहत संचालित होंगे। इसके लिए स्टेट यूनिवर्सिटी सर्विस कमीशन का गठन होगा, जो शिक्षकों की नियुक्ति और पदोन्नति का ध्यान रखेगा। मेडिकल और एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय इसके दायरे से बाहर रहेंगे, और कुलपतियों की आयुसीमा ७० वर्ष निर्धारित की गई है।

कैबिनेट ने झारखंड राज्य पुलिस, कक्षपाल, सिपाही (गृह रक्षा वाहिनी), उत्पाद सिपाही संयुक्त भर्ती नियमावली, 2025 को मंजूरी दी है। इसके तहत सभी आवेदकों को उम्र सीमा में ५ साल की छूट और पूर्व के आवेदकों को शुल्क में छूट दी जाएगी।

नक्सली घटनाओं में शहीद झारखंड निवासी केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल कर्मियों के आश्रितों को विशेष अनुग्रह अनुदान और अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी देने का निर्णय भी लिया गया। इसके साथ ही, लंबे समय से ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के कारण डॉ. कुमारी रेखा (मुसाबनी, जमशेदपुर) और डॉ. रीना कुमारी (सदर अस्पताल, बोकारो) को सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति भी दी गई।

कैबिनेट ने राज्य में पूर्व से सृजित ३७१२ उर्दू सहायक शिक्षक पदों को प्रत्यर्पित करते हुए नए सिरे से कुल ४३३९ पदों के सृजन की स्वीकृति दी है। प्रथम चरण में इंटरमीडिएट प्रशिक्षित सहायक आचार्य के ३२८७ पद उर्दू विषय के लिए प्राथमिक विद्यालयों में सृजित किए जाएंगे।

Point of View

यह निर्णय झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, लेकिन राजनीतिक विवादों ने इसे घेर लिया है। सरकार को चाहिए कि वह विकास के कार्यों में पारदर्शिता बनाए रखे और नागरिकों की स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दे।
NationPress
25/07/2025

Frequently Asked Questions

अटल मोहल्ला क्लिनिक का नाम क्यों बदला गया है?
अटल मोहल्ला क्लिनिक का नाम अब मदर टेरेसा एडवांस हेल्थ क्लिनिक रखा गया है।
भाजपा प्रवक्ता ने इस निर्णय का विरोध क्यों किया?
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यह निर्णय राजनीतिक लाभ लेने के लिए किया गया है।
क्या यह नाम बदलना उचित है?
यह नाम बदलना राजनीतिक विवाद का विषय बन गया है और जनता की भावनाओं को प्रभावित कर सकता है।