क्या झारखंड के शिक्षा मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में पुलिया बहने से कई गांवों का संपर्क टूटा?

सारांश
Key Takeaways
- तेज बारिश के कारण पुलिया बह गई।
- कई गांवों का सड़क संपर्क टूटा।
- ग्रामीणों ने अस्थायी रास्ता बनाया।
- सरकार से मजबूत पुलिया के निर्माण की मांग।
- मौसम विज्ञान विभाग ने अस्थिर मौसम का अनुमान लगाया।
जमशेदपुर, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले की घाटशिला विधानसभा के अंतर्गत जादूगोड़ा के कुलामारा गांव में बीती रात हुई तेज बारिश और नदी के उफान के कारण पुरानी पुलिया बह गई। इस पुलिया के बह जाने से कोतोपा, बकाई और नेत्रा बेड़ा गांव का जादूगोड़ा प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क पूरी तरह से बाधित हो गया है।
चार चक्का वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है, जबकि लोग किसी तरह पैदल या बाइक से आना-जाना कर रहे हैं। कुलामारा, माटी गोंडा पंचायत का सबसे पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है। राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के प्रयासों से झारखंड अलग राज्य बनने के 25 साल बाद यहां सड़क निर्माण हुआ, लेकिन पुरानी और जर्जर पुलिया का निर्माण पूरा न होने के कारण यह संकट उत्पन्न हुआ।
ग्रामीणों का कहना है कि कई बार पुलिया निर्माण की मांग की गई, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिला। पुलिया के बहने से परेशान ग्रामीणों ने सरकार पर से भरोसा खोकर श्रमदान करके अस्थायी रास्ता बनाया है ताकि छोटे वाहनों का आवागमन पुनः प्रारंभ हो सके।
हालांकि, अस्थायी रास्ता भी बेहद कमजोर है और बह जाने का खतरा बना हुआ है। ग्रामीण अब भी दहशत में हैं कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने सरकार से जल्द मजबूत पुलिया के निर्माण की मांग की है, यह कहते हुए कि बारिश में हालात और बिगड़ सकते हैं। यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो कई गांवों का संपर्क पूरी तरह से कट जाएगा और लोगों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, पश्चिम बंगाल और झारखंड के ऊपर चक्रवाती हवाएं सक्रिय होने के कारण मौसम में अस्थिरता बनी रहेगी। इसका असर बिहार में भी देखने को मिलेगा। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे गरज और बारिश के दौरान घर के अंदर रहें और पेड़ों, बिजली के खंभों या खुले मैदानों में शरण लेने से बचें। किसानों और बाहर काम करने वालों को सलाह दी गई है कि वे इस दौरान सावधानी बरतें और कंक्रीट की इमारतों में शरण लें।