क्या झारखंड में 'हिस्ट्रीशीटर नेता' के मुठभेड़ में मारे जाने पर अर्जुन मुंडा और परिजनों ने उठाए सवाल?

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क्या झारखंड में 'हिस्ट्रीशीटर नेता' के मुठभेड़ में मारे जाने पर अर्जुन मुंडा और परिजनों ने उठाए सवाल?

सारांश

झारखंड में चार बार चुनाव लड़ चुके हिस्ट्रीशीटर नेता सूर्या हांसदा की पुलिस मुठभेड़ में मौत ने सवाल खड़े कर दिए हैं। अर्जुन मुंडा और उनके परिवार ने इस घटना पर गंभीर आरोप लगाए हैं। क्या पुलिस की कार्रवाई उचित थी?

Key Takeaways

  • सूर्या हांसदा का एनकाउंटर कई सवाल खड़े करता है।
  • पुलिस की कार्रवाई पर संदेह है।
  • परिवार ने फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया है।
  • अर्जुन मुंडा ने इस पर अपनी चिंता व्यक्त की है।
  • सूर्या के खिलाफ कई आपराधिक मामले थे।

रांची, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड की बोरियो विधानसभा क्षेत्र से चार बार चुनाव में भाग लेने वाले हिस्ट्रीशीटर नेता सूर्या हांसदा की पुलिस मुठभेड़ में मौत पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने गंभीर सवाल उठाए हैं। सूर्या के परिवार का कहना है कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने के बाद एक फर्जी मुठभेड़ में हत्या कर दी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने इस घटना को लेकर अपने सोशल मीडिया पर लिखा, “एक आदिवासी को अपराधी बना दिया गया, लोकतंत्र ने उसे मंच दिया, पर पुलिस ने उसकी आखिरी सांस छीन ली... आदिवासी नेता सूर्या हांसदा का एनकाउंटर कई सवालों को जन्म देता है। चार बार चुनाव में खड़े होने का मतलब यह है कि उन्होंने मुख्यधारा में काम करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की कार्रवाई पर संदेह है।”

जानकारी के अनुसार, सोमवार को गोड्डा जिले के बोआरीजोर थाना क्षेत्र में धमनीपहाड़ के पास यह एनकाउंटर हुआ। पुलिस ने बताया कि सूर्या के खिलाफ 32 आपराधिक मामले दर्ज थे और वह कई गंभीर अपराधों में फरार था। मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने उसके पास से कई हथियार और खोखा बरामद किए। गोड्डा के एसपी मुकेश कुमार ने कहा कि सूर्या की गिरफ्तारी के बाद पुलिस दल ललमटिया धमनी पहाड़ पहुंचा, जहां उसके गैंग के सदस्य पहले से मौजूद थे। उन्होंने पुलिस पर हमला कर सूर्या को छुड़ाने की कोशिश की, इसी दौरान सूर्या ने पुलिस का हथियार छीनने का प्रयास किया, जिसके फलस्वरूप उसे एनकाउंटर में मार दिया गया।

पुलिस के अनुसार, 27 मई को ईसीएल (इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) की राजमहल परियोजना के पहाड़पुर क्षेत्र में हुई गोलीबारी में भी सूर्या की संलिप्तता थी, जिसमें एक ऑपरेटर घायल हुआ था। दूसरी ओर, सूर्या हांसदा की मां सूर्यमणी हांसदा (पूर्व जिला परिषद सदस्य) और पत्नी सुशीला हांसदा का आरोप है कि रविवार शाम 5 बजे देवघर जिले के मोहनपुर स्थित नावाडीह गांव से पुलिस ने सूर्या को गिरफ्तार किया था। उनका कहना है कि सूर्या की तबीयत खराब थी और वह पुलिस से भाग नहीं सकते थे, इसीलिए मुठभेड़ पूरी तरह फर्जी है।

सूर्या के वकील संजीव मिश्रा ने इस घटना को राजनीतिक साजिश करार दिया। उनका कहना है कि पुराने मामलों में सूर्या ज्यादातर बरी हो चुके थे और मौजूदा मामलों में जांच चल रही थी। सूर्या हांसदा ने झारखंड की बोरियो विधानसभा सीट से वर्ष 2009 और 2014 में झारखंड विकास मोर्चा, 2019 में भारतीय जनता पार्टी और 2024 में जेएलकेएम के टिकट पर चुनाव लड़ा था, हालांकि सभी चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

Point of View

ताकि सत्यता का पता लगाया जा सके।
NationPress
26/09/2025

Frequently Asked Questions

सूर्या हांसदा कौन थे?
सूर्या हांसदा झारखंड की बोरियो विधानसभा क्षेत्र से चार बार चुनाव लड़ चुके हिस्ट्रीशीटर नेता थे।
उनकी हत्या के पीछे क्या कारण था?
उनकी हत्या को लेकर उनके परिवार ने आरोप लगाया है कि यह एक फर्जी मुठभेड़ थी।
क्या पुलिस ने सही कार्रवाई की?
इस पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने इस पर अपने विचार व्यक्त किए हैं।
क्या सूर्या पर पहले से आपराधिक मामले थे?
हां, सूर्या के खिलाफ 32 आपराधिक मामले दर्ज थे।
क्या सूर्या का एनकाउंटर राजनीतिक साजिश है?
उनके वकील ने इसे राजनीतिक साजिश बताया है, जिसका अभी तक कोई ठोस प्रमाण नहीं है।