क्या झारखंड के पलामू में स्टोन माइंस चालू कराने गई पुलिस टीम पर हमला हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- स्टोन माइंस की पुनः शुरुआत को लेकर स्थानीय लोगों का विरोध।
- पुलिस और प्रशासनिक टीम पर हमला हुआ, चार पुलिसकर्मी घायल।
- घायलों का इलाज मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।
- प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
- स्थानीय समुदायों के साथ संवाद आवश्यक है।
पलामू, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पलामू जिले के लेस्लीगंज थाना क्षेत्र में बुधवार को बंद पड़ी स्टोन माइंस को चालू कराने गई पुलिस और प्रशासनिक टीम पर ग्रामीणों तथा असामाजिक तत्वों ने मिलकर हमला कर दिया। इस घटनाक्रम में चार पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनमें से तीन की स्थिति चिंताजनक है। सभी घायलों को मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एमएमसीएच) में भर्ती कराया गया है।
सूत्रों के अनुसार, झारखंड हाईकोर्ट ने रेवारातू क्षेत्र में बंद पड़ी स्टोन माइंस को चालू करने का आदेश दिया था, जबकि ग्रामीण इसके संचालन का विरोध कर रहे थे। जिला प्रशासन ने बुधवार को पुलिस बल की मौजूदगी में खदान का कार्य प्रारंभ करने का निर्णय लिया। जैसे ही टीम मौके पर पहुंची, लगभग दो से ढाई सौ की संख्या में ग्रामीणों और असामाजिक तत्वों ने लाठी-डंडों और पारंपरिक हथियारों से पुलिस पर हमला कर दिया।
अचानक हुए इस हमले में पुलिसकर्मी अवधेश पासवान और हवलदार महेंद्र दुबे सहित चार जवान घायल हुए। गंभीर रूप से घायल तीन जवानों को एमएमसीएच में और एक को लेस्लीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। हमले की सूचना पाते ही वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का आकलन किया।
घटनास्थल पर वर्तमान में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और स्थिति को नियंत्रण में ले लिया गया है।
लेस्लीगंज थाना प्रभारी उत्तम कुमार राय ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में प्रशासनिक टीम स्टोन माइंस का कार्य प्रारंभ करने गई थी। इसी दौरान ग्रामीणों ने अचानक हमला कर दिया।
गांव के लोगों का कहना है कि हमले में पूरे गांव के लोग शामिल नहीं थे। कुछ असामाजिक तत्वों ने इस हिंसक घटना को अंजाम दिया है। प्रशासन ने इस घटना में शामिल लोगों की पहचान के लिए वीडियो फुटेज और चश्मदीदों के बयान के आधार पर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।