क्या झारखंड शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया और रिटायर आईएएस अमित प्रकाश को जमानत मिल गई?

सारांश
Key Takeaways
- सिद्धार्थ सिंघानिया और अमित प्रकाश को जमानत मिली।
- एसीबी ने अभी तक चार्जशीट नहीं दायर की है।
- इस मामले में कुल 16 लोगों को नामित किया गया है।
- झारखंड में शराब व्यापार में बड़े पैमाने पर साजिश की गई थी।
- न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता आवश्यक है।
रांची, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड में शराब घोटाले से संबंधित मामले में रांची स्थित एसीबी की विशेष अदालत ने छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया और झारखंड के सेवानिवृत्त आईएएस अमित प्रकाश को जमानत दे दी है।
सिद्धार्थ सिंघानिया की जमानत याचिका पर 21 अगस्त को सुनवाई के दौरान एसीबी और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में झारखंड के निलंबित सीनियर आईएएस विनय कुमार चौबे के साथ-साथ उत्पाद विभाग के दो अन्य अधिकारियों की जमानत भी पहले ही मंजूर हो चुकी है।
एंटी करप्शन ब्यूरो ने शराब घोटाले का मामला दर्ज होने के 90 दिन बाद भी चार्जशीट पेश नहीं की है। इस स्थिति के कारण गिरफ्तार अभियुक्तों को अदालत से डिफॉल्ट जमानत का लाभ मिल रहा है। एसीबी ने सिद्धार्थ सिंघानिया को 19 जून को रायपुर से गिरफ्तार किया था, जबकि अमित प्रकाश को 17 जून को गिरफ्तार किया गया था।
पूर्व में, एजेंसी ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वे नियत तिथि पर उपस्थित नहीं हुए थे और न ही कोई जवाब दिया था। छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन ब्यूरो ने सिद्धार्थ सिंघानिया के घर पर छापा मारा था, जहां से एक डायरी मिली थी।
एंटी करप्शन ब्यूरो ने दावा किया था कि इस डायरी में झारखंड में सिंडिकेट द्वारा बनाई गई एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। डायरी में झारखंड में शराब व्यापार में बाधा डालने वालों को चिह्नित करने और उन्हें 'मैनेज' करने की योजना का उल्लेख किया गया था। एसीबी ने इस घोटाले में कुल 16 लोगों को नामित किया है, जबकि 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, गिरफ्तार किए गए प्रमुख अभियुक्तों को अब अदालत से जमानत मिल गई है।