क्या झारखंड स्वास्थ्य विभाग में टेंडर घोटाले का मामला सच है? बाबूलाल मरांडी ने सीएम को पत्र लिखा

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क्या झारखंड स्वास्थ्य विभाग में टेंडर घोटाले का मामला सच है? बाबूलाल मरांडी ने सीएम को पत्र लिखा

सारांश

झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने स्वास्थ्य विभाग में टेंडर घोटाले का गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से जांच की मांग की है। क्या यह मामला सच है? जानें सभी विवरण इस लेख में।

Key Takeaways

  • झारखंड स्वास्थ्य विभाग में टेंडर घोटाले का आरोप।
  • बाबूलाल मरांडी ने जांच की मांग की।
  • कई कंपनियों ने मिलकर गड़बड़ी की।
  • सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ।
  • मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जांच की अपील।

रांची, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग में आवश्यक उपकरणों और सामग्रियों की आपूर्ति के लिए हाल के महीनों में हुए टेंडर में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए इसकी जांच कराने की मांग की है।

उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस संदर्भ में एक पत्र भेजा है, जिसमें टेंडरों के आवंटन से लेकर भुगतान तक में हुई गड़बड़ी के विवरण दिए गए हैं। मरांडी ने पत्र में कहा है कि उपलब्ध रिकॉर्ड और सार्वजनिक दस्तावेजों से यह स्पष्ट होता है कि सुनियोजित तरीके से कुछ चुनिंदा कंपनियों को अनुचित लाभ पहुँचाया गया।

पत्र में आरोप लगाया गया है कि एक ही परिवार की तीन कंपनियों ने इस पूरे मामले को अंजाम दिया। इन कंपनियों को राज्य के छह जिलों में ११ टेंडर मिले, जबकि जेम पोर्टल के क्लॉज २९ के अनुसार यदि एक ही व्यक्ति से जुड़ी दो या अधिक कंपनियां बिडिंग में हिस्सा लें, तो उनके टेंडर स्वतः निरस्त हो जाने चाहिए थे। इसके बावजूद अयोग्य कंपनियों को तकनीकी रूप से योग्य घोषित कर आवंटित कर दिया गया।

मरांडी ने दावा किया कि इस बड़े पैमाने पर गोरखधंधा स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के संरक्षण के बिना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि मंत्री ने जानबूझकर अपने खास लोगों को लाभ पहुँचाने के लिए नियमों की अनदेखी की। पत्र में उल्लेख है कि इन तीनों कंपनियों, हिंद इन्फ्राप्रोजेक्ट प्रा. लि., भारत आर्ट एंड सप्लायर, और ग्लोबल आर्ट्स एंड सप्लायर का पता एक ही है, और इनके निदेशक-प्रोप्राइटर भी एक ही परिवार के सदस्य हैं।

पत्र के अनुसार, सभी टेंडरों में इन कंपनियों की बोलियों में केवल कुछ हजार रुपये का अंतर था, जिससे स्पष्ट होता है कि दरें मिलकर तय की गईं। जब भी किसी चौथी कंपनी ने भाग लेने की कोशिश की, उसे तकनीकी आधार पर अयोग्य घोषित कर बाहर कर दिया गया।

नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि कंपनियों को किए गए भुगतान बाजार दर से कहीं अधिक हैं, जिससे सरकारी धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच कराई जाए, एफआईआर दर्ज हो और दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

Point of View

बल्कि आम जनता का विश्वास भी भंग होता है। ऐसे मामलों की गहन जांच आवश्यक है।
NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

बाबूलाल मरांडी ने किस मामले में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा?
बाबूलाल मरांडी ने स्वास्थ्य विभाग में टेंडर घोटाले के मामले में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
क्या सरकार ने इस मामले की जांच का आश्वासन दिया है?
अभी तक सरकार की ओर से जांच का कोई आश्वासन नहीं दिया गया है।