क्या जोधपुर सीबीआई कोर्ट ने तीन अधिकारियों को चार साल की सजा सुनाई?
सारांश
Key Takeaways
- जोधपुर सीबीआई कोर्ट ने तीन अधिकारियों को चार साल की सजा सुनाई।
- रिश्वतखोरी के आरोप में कार्रवाई की गई।
- अधिकारियों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।
जोधपुर, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के जोधपुर की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कोर्ट ने रिश्वतखोरी के तीन अलग-अलग मामलों में मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज (एमईएस) के तीन अधिकारियों को दोषी ठहराते हुए चार साल की सश्रम कैद की सजा दी है। साथ ही, प्रत्येक पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। यह फैसला मंगलवार को सुनाया गया।
जिन अधिकारियों को दोषी पाया गया है, उनमें हरि सिंह नागले (लेखा अधिकारी), राधेश्याम सोनी (आयु-अनुबंध), और अनिल बेटागिरी (आयु-बी/आर-II) शामिल हैं। ये सभी अधिकारी उस समय जीई, एमईएस, मिलिट्री स्टेशन, श्रीगंगानगर में कार्यरत थे।
सीबीआई ने 11 अप्रैल 2016 को तीन अलग-अलग शिकायतों पर कार्रवाई की थी, जिसमें सभी आरोपियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था।
लेखा अधिकारी हरि सिंह नागले को शिकायतकर्ता की फर्म द्वारा किए गए कार्यों के भुगतान को मंजूरी देने के एवज में 12,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। नागले भुगतान पास कराने के बदले रकम मांग रहे थे।
आयु (अनुबंध) राधेश्याम सोनी ने एमईएस द्वारा ठेका दिए जाने के लिए शिकायतकर्ता से 18,000 रुपए की रिश्वत मांगी और स्वीकार करते हुए सीबीआई जाल में फंस गए।
आयु (बी/आर-II) अनिल बेटागिरी को शिकायतकर्ता की फर्म के बिल पास कराने के बदले 30,000 रुपए की रिश्वत स्वीकार करते समय पकड़ा गया।
सीबीआई जांच पूरी होने के बाद सितंबर और अक्टूबर 2016 में तीनों मामलों में आरोप पत्र दायर किए गए थे। इसके बाद न्यायालय में लंबी सुनवाई चली।
सभी साक्ष्यों, गवाहों और दस्तावेजों पर विचार करने के बाद सीबीआई कोर्ट ने 18 नवंबर 2025 को तीनों अधिकारियों को दोषी पाया और चार साल की कैद तथा एक-एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
इससे पहले, मणिपुर में सीबीआई ने रिश्वतखोरी मामले में एक वरिष्ठ लेखाकार को गिरफ्तार किया था। आरोपी को शिकायतकर्ता से 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। गिरफ्तार हुए अधिकारी की पहचान इरोम बिशोरजीत सिंह के रूप में की गई है। बिशोरजीत सिंह इंफाल स्थित प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) कार्यालय में कार्यरत हैं।