क्या जोधपुर में मोहन भागवत ने आरएसएस की तीन दिवसीय बैठक का शुभारंभ किया?

सारांश
Key Takeaways
- आरएसएस की तीन दिवसीय बैठक का आयोजन जोधपुर में हो रहा है।
- बैठक में 32 संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित हैं।
- सालभर के कार्यों का आदान-प्रदान किया जाएगा।
- समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी।
- बैठक का समापन 7 सितंबर को होगा।
जोधपुर, 5 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और इसके प्रेरित संगठनों के अखिल भारतीय पदाधिकारियों की तीन दिवसीय समन्वय बैठक आज से जोधपुर में प्रारंभ हुई। इस बैठक का उद्घाटन सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने भारत माता की तस्वीर पर पुष्प चढ़ाकर किया। इस बैठक में 32 संगठनों के अखिल भारतीय पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं।
बैठक का प्रारंभ संगठन मंत्र के सामूहिक पाठ के साथ हुआ। पहले सत्र में विभिन्न संगठनों ने अपने-अपने क्षेत्रों में किए गए नवाचारों का प्रस्तुतिकरण किया। बैठक में प्रमुख रूप से 6 सह-सरकार्यवाह, विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार, संगठन मंत्री मिलिंद परांडे, राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांता अक्का, प्रमुख कार्यवाहिका सीता गायत्री, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष राजशरण शाही, संगठन मंत्री आशीष चौहान, सक्षम के अध्यक्ष दयाल सिंह पवार, संगठन मंत्री चंद्रशेखर, पूर्व सैनिक सेवा परिषद के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल विष्णु कांत चतुर्वेदी, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, संगठन मंत्री बीएल संतोष, वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह, संगठन मंत्री अतुल जोग और सीमा जागरण मंच के संयोजक मुरलीधर ने भाग लिया।
बैठक स्थल को विशेष रूप से सजाया गया है। 500 साल पहले की औपनिवेशिकता के विरुद्ध भारतीय महिलाओं के संघर्ष का प्रतीक रानी अब्बक्का द्वार और हल्दीघाटी द्वार के माध्यम से सभागार में प्रवेश की रचना की गई है। इसके साथ ही भक्तिमति मीरा बाई और खेजड़ली की पर्यावरण बलिदानी अमृता देवी की सुंदर रंगोली से परिसर को सजाया गया है।
5 से 7 सितंबर तक चलने वाली इस समन्वय बैठक में सालभर के कार्यों और अनुभवों का आदान-प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, पंच परिवर्तन (सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण अनुकूल जीवन, स्व आधारित रचना, नागरिक कर्तव्य पालन), संघ शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन पर विस्तृत चर्चा होगी।
यह बैठक अनुभवों के आदान-प्रदान, दिशा-निर्देशन और समन्वय के उद्देश्य से आयोजित की गई है। बैठक का समापन 7 सितंबर को होगा, जिसमें विभिन्न संगठनों के बीच समन्वय और सुझावों के आधार पर भविष्य की योजनाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा।