क्या जेपी मॉर्गन भारत में 10 साल बाद नई शाखा खोलने जा रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- जेपी मॉर्गन भारत में अपनी चौथी शाखा खोलने जा रहा है।
- यह शाखा बड़े कॉर्पोरेट ग्राहकों की सेवाएं प्रदान करेगी।
- भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है।
- नया बैंकिंग कानून बैंकों की रिपोर्टिंग में सुधार करेगा।
- सहकारी बैंकों के लिए भी संविधान संशोधन का प्रावधान है।
नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी बैंकिंग दिग्गज जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी लगभग 10 वर्षों के अंतराल के बाद भारत में एक नई शाखा खोलने की योजना बना रहा है। यह कदम भारत जैसी तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था में उसकी गहरी रुचि को दर्शाता है।
रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पुणे में इसकी चौथी शाखा खोलने की अनुमति दे दी है।
यह नई शाखा मुख्यतः बड़े कॉर्पोरेट ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करने पर केंद्रित होगी, जिनमें लेन-देन बैंकिंग सेवाएं और टर्म लोन जैसी कई बैंकिंग सुविधाएं शामिल होंगी।
यह कदम तब उठाया जा रहा है जब दुनिया के प्रमुख बैंक भारत में अपनी सेवाओं का विस्तार करने का सोच रहे हैं, क्योंकि यहां की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और लोन की मांग भी प्रबल हो रही है।
भारत का आर्थिक वातावरण स्थिर होने के कारण यह विदेशी बैंकिंग कंपनियों के लिए एक आकर्षक बाजार के रूप में उभर रहा है।
इस महीने की शुरुआत में एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि सरकार ने नया बैंकिंग कानून (संशोधन) 2025 लाया है, जो भारतीय बैंकिंग क्षेत्र को और भी सुदृढ़ करेगा।
इस नए कानून में बैंकों को आरबीआई के सामने समान रिपोर्टिंग करनी होगी, और सरकारी बैंकों में ऑडिट गुणवत्ता में सुधार भी होगा।
इस अधिनियम के तहत जमाकर्ताओं और निवेशकों की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए नामांकन सुविधाओं में सुधार किए जाएंगे। इसके साथ ही, बैंकों के निदेशकों का कार्यकाल 8 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है। हालांकि, अन्य बैंकिंग कंपनियों में निदेशकों का कार्यकाल पूर्ववत रहेगा।
नए कानून में सहकारी बैंकों को भी 97वें संविधान संशोधन के तहत सुधारने की बात की गई है, ताकि वे लोकतांत्रिक तरीके से कार्य कर सकें और देश के राजनीतिक और आर्थिक ढांचे में उचित स्थान पा सकें।
-- राष्ट्र प्रेस
दुर्गेश बहादुर/एबीएस