क्या जुबीन गर्ग की मौत की होगी न्यायिक जांच? सीएम ने हाई कोर्ट जज की अध्यक्षता में आयोग बनाया

सारांश
Key Takeaways
- जुबीन गर्ग की मृत्यु की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया गया।
- मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से परिवार से मुलाकात की।
- यह पहली बार है जब न्यायिक आयोग का नेतृत्व कार्यरत न्यायाधीश कर रहे हैं।
- आयोग की जिम्मेदारी जांच की पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
गुवाहाटी, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार शाम दिवंगत गायक जुबीन गर्ग की पत्नी गरिमा गर्ग से काहिलीपारा स्थित उनके निवास पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने गायक जुबीन गर्ग की रहस्यमय मृत्यु की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग के गठन की महत्वपूर्ण घोषणा की।
मुख्यमंत्री सरमा ने मीडिया से बात करते हुए स्पष्ट किया कि यह यात्रा एक व्यक्तिगत मुलाकात थी, आधिकारिक नहीं। उन्होंने कहा, "मैं उनका दर्द बांटने आया हूं।"
सरमा ने बताया कि असम सरकार ने जुबीन गर्ग की मृत्यु से जुड़ी परिस्थितियों की जांच के लिए गुवाहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सोमित्र सैकिया की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग का गठन किया है।
सरमा ने कहा कि असम में यह पहली बार है कि किसी कार्यरत उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को ऐसी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
यह आयोग सीआईडी की जांच की निगरानी करने और पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने का अधिकार प्राप्त करेगा। आयोग उन सभी लोगों के लिए एक मंच प्रदान करेगा जो इस मामले से संबंधित जानकारी साझा करना चाहते हैं। सरकार का लक्ष्य है कि जांच पूरी होने के बाद उसके निष्कर्षों को सार्वजनिक किया जाए।
असम के लोकप्रिय गायक और सांस्कृतिक प्रतीक जुबीन गर्ग का 19 सितंबर को सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग दुर्घटना में निधन हो गया था।
जुबीन गर्ग की आयु 52 वर्ष थी। वे नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल में भाग लेने के लिए गए थे और 18 सितंबर की रात तट पर डाइविंग कर रहे थे, जब उन्हें सांस लेने में कठिनाई हुई थी। सिंगापुर पुलिस के गोताखोरों ने उन्हें समुद्र से बाहर निकाला और नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। आईसीयू में गहन उपचार के बावजूद डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके।
जुबीन गर्ग असम के जोगीजन गांव से थे। उन्होंने असमिया, हिंदी, बंगाली समेत कई भाषाओं में हजारों गीत गाए।