क्या असम के गायक जुबीन गर्ग का निधन सच में हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- जुबीन गर्ग का आकस्मिक निधन असम के लिए एक बड़ा नुकसान है।
- मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शोक व्यक्त किया।
- जुबीन ने कई भाषाओं में गाने गाए और अपनी कला से सबका दिल जीता।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर शोक जताया।
- यह घटना हमें कला के महत्व को समझने पर मजबूर करती है।
गुवाहाटी, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। असम के प्रसिद्ध गायक और सांस्कृतिक आइकन जुबीन गर्ग का शुक्रवार को सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग दुर्घटना में निधन हो गया। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया और बताया कि गर्ग के पार्थिव शरीर को असम वापस लाने की प्रक्रिया चल रही है।
हिमंता बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके कहा, "मैं भारत के उच्चायुक्त महामहिम डॉ. शिल्पक अंबुले के साथ लगातार संपर्क में हूं। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्यारी ज़ुबीन का पार्थिव शरीर जल्दी से जल्दी असम वापस आए। जैसे ही प्रक्रिया पूरी होगी, मैं आपको अपडेट दूंगा।"
जुबीन गर्ग 52 वर्ष के थे। नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल में भाग लेने गए जुबीन गुरुवार रात तट पर डाइविंग कर रहे थे, तभी उन्हें सांस लेने में समस्या हुई। सिंगापुर पुलिस के गोताखोरों ने उन्हें समुद्र से बाहर निकाला और नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। आईसीयू में गहन उपचार के बावजूद डॉक्टर उन्हें बचा न सके।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर पोस्ट कर शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, "जुबीन का असम के लिए महत्व शब्दों से परे है। वे बहुत जल्दी चले गए, यह जाने की उम्र नहीं थी। उनकी आवाज लोगों को ऊर्जा देती थी, संगीत सीधे मन और आत्मा से जुड़ता था। उन्होंने ऐसा शून्य छोड़ा जो कभी न भरेगा।" उन्होंने जुबीन को 'असम का पसंदीदा रॉकस्टार' कहा और 'शांति से आराम करो' की कामना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "जुबीन गर्ग के आकस्मिक निधन से स्तब्ध। संगीत में उनका समृद्ध योगदान याद रहेगा। उनके गीत सभी वर्गों में लोकप्रिय थे। परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।"
जुबीन गर्ग असम के जोगीजन गांव से थे। उन्होंने असमिया, हिंदी, बंगाली समेत कई भाषाओं में हजारों गीत गाए।