क्या कैथल में ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना’ के लाभार्थियों से मिले सीएम नायब सैनी?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना से ग्रामीणों को बिजली बिल में राहत मिल रही है।
- कैथल जिले में अब तक 16 से अधिक सौर पैनल लगाए गए हैं।
- इस योजना के तहत 1.10 लाख रुपए तक की सब्सिडी उपलब्ध है।
- यह योजना पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देती है।
- सौर पैनल का रखरखाव आसान होता है।
कैथल, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना’ के अंतर्गत हरियाणा के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग सौर पैनल लगाकर अपने बिजली बिलों में राहत प्राप्त कर रहे हैं।
कैथल जिले के प्यौदा गांव में स्थानीय निवासियों ने इस योजना का लाभ उठाया है, जिससे उनके बिजली बिल में काफी कमी आई है। इस योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी के कारण सौर पैनल लगाना आर्थिक रूप से संभव हो पाया है। ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का धन्यवाद किया है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शनिवार को ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना’ की समीक्षा के लिए कैथल जिले के प्यौदा गांव का दौरा किया। उन्होंने लाभार्थियों से बातचीत की, जिनमें से एक लाभार्थी ने बताया कि 48 दिन पहले सौर पैनल लगाने के बाद उनका बिजली बिल काफी कम हो गया है, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिली है। इस योजना ने बिजली खर्च में कमी लाकर ग्रामीणों को आर्थिक लाभ प्रदान किया है।
सीएम सैनी ने इस दौरान अन्य लाभार्थियों के साथ योजना की विस्तृत जानकारी पर चर्चा की और स्थापित सौर पैनलों का स्वयं निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों और लाभार्थियों से योजना पर प्रतिक्रिया भी ली। अधिकारियों ने सीएम सैनी को बताया कि इस गांव में अब तक 16 से अधिक सौर पैनल लगाए गए हैं। वहीं, हरियाणा में कुल 26 हजार से अधिक सौर पैनल लगाए गए हैं।
सीएम ने इस दौरान योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी भी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस योजना के बारे में जागरूकता फैलाएं।
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत हरियाणा के एक लाख गरीब परिवारों को सौर ऊर्जा उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार की तरफ से 1.10 लाख रुपए तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
यह योजना भारत सरकार की एक पहल है। इसका मुख्य उद्देश्य देश के 1 करोड़ घरों में रूफटॉप सौर पैनल लगाकर हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करना है। यह योजना केवल बिजली बिल को कम करने में मदद नहीं करती, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देती है।