क्या काकद्वीप में टीएमसी विजय सम्मेलन से फर्जी मतदाता विवाद सुलझेगा?

सारांश
Key Takeaways
- टीएमसी का विजय सम्मेलन आगामी चुनावों में रणनीति का हिस्सा है।
- बापी हलदर ने फर्जी मतदाताओं के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा।
- संभावित स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा के पतन की भविष्यवाणी।
- टीएमसी नेताओं ने मतदाता सुरक्षा का आश्वासन दिया।
- काकद्वीप क्षेत्र में घुसपैठ का मुद्दा गहनता से उठाया गया।
कोलकाता, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के काकद्वीप विधानसभा क्षेत्र में फर्जी मतदाताओं का मुद्दा एक बार फिर से गरमाया है। शनिवार को सुंदरवन आदर्श महाविद्यालय में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का विजय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस अवसर पर मथुरापुर के टीएमसी सांसद बापी हलदर ने विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) प्रक्रिया को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मतदाता सूची से असली मतदाता हटाए गए, तो टीएमसी इसका सख्त जवाब देगी।
सम्मेलन में डायमंड हार्बर संगठनात्मक जिला टीएमसी अध्यक्ष सुभाशीष चक्रवर्ती, सांसद बापी हलदर और काकद्वीप विधायक मोंटूराम पाखीरा भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम में पार्टी के प्रमुख नेताओं को सम्मानित किया गया। बापी हलदर ने कहा, "एसआईआर के नाम पर यदि काकद्वीप से एक भी असली मतदाता का नाम काटा गया, तो काकद्वीप के युवा और छात्र केंद्र को सबक सिखाएंगे। भाजपा का 'एगिये बांगला मॉडल' का आरोप झूठा है।"
उन्होंने 26 अक्टूबर को होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा को 50 से अधिक सीटें न मिलने का दावा किया और कहा कि आने वाले समय में भाजपा का पतन निश्चित है।
टीएमसी नेता सुभाशीष चक्रवर्ती ने कहा, "हमारी सरकार असली मतदाताओं की रक्षा करेगी। भाजपा घुसपैठ के नाम पर राजनीति कर रही है, जबकि सीमा सुरक्षा केंद्र का दायित्व है।" कार्यक्रम में सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए, जिन्होंने टीएमसी की एकजुटता का प्रदर्शन किया।
काकद्वीप शहर बांग्लादेश सीमा से सटा हुआ है, जिससे यह स्थान लंबे समय से अवैध घुसपैठ और फर्जी मतदाताओं के आरोपों का केंद्र बन चुका है। हाल ही में निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी की है, जो 2022 के बाद पहली बार होगी। इस प्रक्रिया में 2002 की मतदाता सूची को आधार मानकर सत्यापन किया जाएगा।
भाजपा ने आरोप लगाया है कि टीएमसी रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को 10,000 रुपए में वोटर आईडी दिला रही है। विपक्ष नेता सुवेंदु अधिकारी ने सीबीआई जांच की मांग की, जबकि टीएमसी ने इसे भाजपा का ड्रामा बताया।