क्या कम सीटें मिलने से बिहार को 'जंगलराज' की ओर धकेलने का खतरा है? जीतन राम मांझी का जवाब

सारांश
Key Takeaways
- कम सीटें मिलने पर असंतोष लेकिन सहयोगी दल एकजुट हैं।
- जीतन राम मांझी ने जंगलराज की आशंका को खारिज किया।
- बिहार के मान-सम्मान की रक्षा के लिए सभी दल तैयार हैं।
- पहला चरण ६ नवंबर और दूसरा चरण ११ नवंबर को होगा।
- मतगणना १४ नवंबर को।
पटना, १४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के तहत सीट बंटवारे के बाद सहयोगी दलों में कम सीटें मिलने पर असंतोष देखने को मिल रहा है, लेकिन सभी सहयोगी दल एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं।
इस संदर्भ में, एनडीए की प्रमुख सहयोगी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने स्पष्ट किया कि कम सीटें मिलने का यह अर्थ नहीं है कि बिहार को 'जंगलराज' की ओर धकेल दिया जाए।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उल्लेख किया, "हमारी पार्टी को कम सीटें मिली हैं, जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर हुआ है। कार्यकर्ताओं में असंतोष है, लेकिन इसका समाधान भविष्य में होगा। मैं यही आश्वासन उन्हें दे रहा हूँ।"
उन्होंने आगे कहा, "पर इसका मतलब यह नहीं कि बिहार को जंगलराज की ओर धकेलें। बिहारवासियों की रातों की नींद और दिन का चैन छीनें। बिहार के लिए, बिहारियों के लिए, उनकी मान-सम्मान के लिए हम सब तैयार हैं। एनडीए जीतेगा, बिहार का सम्मान बना रहेगा।"
बता दें कि सीट बंटवारे के बाद एनडीए में नाराजगी की खबरें आई थीं। चर्चा यह भी थी कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी नाराज हैं। उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए ने रविवार को सीट बंटवारे की घोषणा की है। इस बंटवारे के अंतर्गत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी १०१-१०१ सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जबकि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) को २९ सीटें मिली हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राज्यसभा सदस्य उपेन्द्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को छह-छह सीटें दी गई हैं। बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण ६ नवंबर को और दूसरा चरण ११ नवंबर को होगा। मतगणना १४ नवंबर को होगी।