क्या रांची के चर्चित बिल्डर कमल भूषण की हत्या में दोषियों को उम्रकैद की सजा मिली?

सारांश
Key Takeaways
- कमल भूषण की हत्या आर्थिक विवाद का परिणाम थी।
- तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
- पारिवारिक संबंधों में विवाद गंभीर परिणाम ला सकते हैं।
- इस मामले ने समाज में प्यार और सम्मान के महत्व को उजागर किया है।
- बरी किए गए आरोपियों के खिलाफ सबूतों की कमी थी।
रांची, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। रांची के प्रसिद्ध बिल्डर और व्यवसायी कमल भूषण की हत्या के मामले में रांची की जिला अदालत ने तीन आरोपियों राहुल कुजूर, डब्ल्यू कुजूर और कविश अदनान को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।
रांची सिविल कोर्ट के अपर न्यायायुक्त आनंद प्रकाश की अदालत में इन तीनों को दोषी पाया गया। वहीं, दो अन्य आरोपियों सुशीला कुजूर और सरकारी गवाह बने मुनव्वर अफाक को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार, कमल भूषण रांची के एक बड़े जमीन व्यापारियों में से थे। उनकी हत्या 30 मई, 2022 को रातू रोड क्षेत्र में दिनदहाड़े की गई थी। जांच में पता चला कि यह हत्या पारिवारिक और आर्थिक विवाद से जुड़ी थी। कमल भूषण की बेटी ने राहुल कुजूर से प्रेम विवाह किया था, जिसका विरोध कमल भूषण ने किया था।
राहुल न केवल इस रिश्ते को लेकर बल्कि पैसों के लिए भी लालची था। दामाद और ससुर के बीच अक्सर पैसों को लेकर विवाद होता रहता था। राहुल को यह भी डर था कि ससुर उसकी हत्या करवा सकते हैं। इसी डर और संपत्ति हड़पने की योजना के तहत उसने कमल भूषण की हत्या की साजिश की।
राहुल ने अपने दोस्त कविश अदनान के साथ मिलकर कमल भूषण को उस समय गोली मारी जब वह अपने घर से बाहर जा रहे थे। कमल भूषण की रेकी राहुल का पिता डब्ल्यू कुजूर कर रहा था। वारदात के बाद, राहुल, कविश और डब्ल्यू ने कार से रातू थाना क्षेत्र में अपने घर पहुंचकर हथियार छिपा दिए।
पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें राहुल, डब्ल्यू, सुशीला, मुनव्वर अफाक और कविश अदनान शामिल थे। तत्कालीन एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया था कि हत्या का मुख्य कारण आर्थिक विवाद और बेटी के प्रेम विवाह का विरोध था।