क्या ऑपरेशन सिंदूर की बहस में थरूर और मनीष तिवारी को दूर रखना सही निर्णय था?: कमलनाथ

सारांश
Key Takeaways
- कमलनाथ का निर्णय थरूर और तिवारी को दूर रखने का सही था।
- राज्य सरकार पर आश्वासन और घोषणाओं का आरोप।
- गाजा में हो रहे अन्याय पर चिंता व्यक्त की।
- पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण पर भाजपा पर आरोप।
- कांग्रेस के दृष्टिकोण को मजबूती देने की कोशिश।
भोपाल, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सदन में हुई बहस के दौरान शशि थरूर और मनीष तिवारी को दूर रखने का निर्णय सही था। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मंगलवार को विधानसभा पहुंचे और उन्होंने कार्यवाही में भाग लिया।
इस दौरान संवाददाताओं ने उनसे पूछा कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर हुई बहस में कांग्रेस ने शशि थरूर और मनीष तिवारी को दूर क्यों रखा, इस पर उन्होंने कहा कि यह निर्णय पार्टी द्वारा लिया गया था और यह सही है।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी द्वारा हाल ही में गाजा की समस्या पर लिखे गए आलेख के संबंध में कमलनाथ ने कहा, "यह सच है कि गाजा में अन्याय और शोषण हो रहा है।"
कमलनाथ ने राज्य सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यह सरकार सिर्फ आश्वासन और घोषणाओं की सरकार है। मोहन यादव की सरकार केवल घोषणाएँ और आश्वासन ही दे रही है। मुख्यमंत्री मोहन यादव और शिवराज सिंह चौहान दोनों ही नेता सिर्फ घोषणाएँ और आश्वासन देते हैं।
राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने का मुद्दा लंबे समय से सियासी बना हुआ है, और इस पर न्यायालय में विचार चल रहा है। कमलनाथ ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं दे रही है। दरअसल, कांग्रेस सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया था।