क्या कानून सबके लिए समान होना चाहिए? : संजय उपाध्याय

सारांश
Key Takeaways
- कानून सभी के लिए समान होना चाहिए।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
- भाजपा विधायक संजय उपाध्याय ने विधेयक का समर्थन किया।
- इंडिया गठबंधन की स्थिति कमजोर है।
- उपराष्ट्रपति चुनाव में NDA उम्मीदवार जीतने के प्रबल संभावना है।
मुंबई, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे राजनेताओं को उनके पदों से हटाने के लिए पेश किए गए विधेयक का भाजपा विधायक संजय उपाध्याय ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि नियम-कानून सभी के लिए समान होने चाहिए।
संजय उपाध्याय ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि मोदी सरकार द्वारा प्रस्तुत नया कानून सराहनीय है। नियम-कानून सबके लिए एक समान होने चाहिए। चाहे वह मुख्यमंत्री हो या कोई मंत्री, अगर उसे भ्रष्टाचार का दोषी पाया जाता है और वह अदालत से सजा भोगता है, तो उसे अपने पद से हट जाना चाहिए। अगर भ्रष्टाचार के आरोपी जेल में रहकर शासन चलाएंगे, तो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कमजोर हो जाएगी। यह कदम साहसी है और प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि ‘ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा’।”
उपाध्याय ने इंडिया गठबंधन पर तीखा हमला करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद इसका कोई अस्तित्व नहीं रह जाएगा। यह गठबंधन सिर्फ मोदी और भाजपा का डर दिखाकर लोगों को गुमराह कर रहा है।
उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार की हार तय है। सुदर्शन रेड्डी को पराजय का सामना करना पड़ेगा। विपक्ष केवल भ्रम फैलाने में व्यस्त है, लेकिन सच यह है कि जनता का विश्वास NDA और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बना हुआ है।
उपाध्याय ने कहा कि पूर्व में भी उपराष्ट्रपति NDA से रहे हैं और इस बार महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन निश्चित रूप से उपराष्ट्रपति का चुनाव जीतेंगे। हमें पूरा विश्वास है कि वे जीतने के बाद देश की सेवा में उत्कृष्ट कार्य करेंगे। उन्होंने राधाकृष्णन को शुभकामनाएं दीं और कहा कि NDA उम्मीदवार भारी बहुमत से जीत हासिल करेंगे।