क्या राहुल गांधी का 'जितनी आबादी, उतना हक' का नारा सच है?

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क्या राहुल गांधी का 'जितनी आबादी, उतना हक' का नारा सच है?

सारांश

भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक में Congress के जातिगत सर्वेक्षण पर सवाल उठाए हैं। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने राहुल गांधी के बयान पर तीखा हमला किया है, यह कहते हुए कि यह नारा केवल दिखावा है। कर्नाटक सरकार के सर्वेक्षण के पीछे की सच्चाई जानिए।

Key Takeaways

  • कर्नाटक का जातिगत सर्वेक्षण कांग्रेस की नीतियों पर सवाल उठाता है।
  • भूपेंद्र यादव का आरोप है कि कांग्रेस ओबीसी के साथ छल कर रही है।
  • राहुल गांधी का नारा सत्यता की कसौटी पर खरा नहीं उतरता।
  • कर्नाटक में राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है।
  • सरकार के निर्णयों पर प्रश्न उठाने का अधिकार सभी को है।

नई दिल्ली, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक में दोबारा जातिगत सर्वेक्षण के मुद्दे पर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया है। भाजपा के नेता और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने अतीत से मुक्ति नहीं पा सकता, लेकिन वर्तमान में कांग्रेस की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है। इसका स्पष्ट उदाहरण कर्नाटक सरकार है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कर्नाटक को आदर्श राज्य बताते रहते हैं, लेकिन राज्य सरकार का सर्वेक्षण यह दर्शाता है कि समाजिक न्याय केवल कांग्रेस के लिए एक दिखावा है।

भूपेंद्र यादव ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि ओबीसी वर्ग को धोखा देने की नीति कांग्रेस की है, और न्याय प्रदान करना उनका कार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि ओबीसी समाज के साथ हमेशा कांग्रेस ने धोखाकाका कालेलकर कमीशन की रिपोर्ट के बाद कभी दूसरी रिपोर्ट सामने नहीं आती, क्योंकि फिर कोई कमीशन ही नहीं बनाया गया।

एक और उदाहरण देते हुए भूपेंद्र यादव ने कहा कि जब देश से कांग्रेस का शासन समाप्त हुआ, तब मंडल आयोग लागू हुआ। मंडल आयोग की वैधानिकता को जब सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया, तब ओबीसी कमीशन को भी दंतहीन करने का कार्य कांग्रेस ने किया। पहले खुद कांग्रेस के सदस्य कहते थे कि ओबीसी कमीशन में कोई शक्ति नहीं है।

उन्होंने कहा, "ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा तब मिला जब कांग्रेस का शासन समाप्त हुआ और नरेंद्र मोदी की सरकार आई। ओबीसी कमीशन को संवैधानिक आयोग का दर्जा मिला और आर्थिक कल्याणकारी नीतियों के चलते करोड़ों लोग गरीबी से बाहर निकलने में सफल हुए।"

भूपेंद्र यादव ने कहा, "कर्नाटक में कांग्रेस का झूठ उजागर हुआ है। राज्य में कांग्रेस का यह दोबारा सर्वेक्षण नहीं है, यह केवल एक राजनीतिक कवर है। कांग्रेस कुछ समुदायों को भड़काने और कुछ को फायदा देने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस ने कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण को बढ़ावा दिया है। कांग्रेस की राजनीति अब पूरी तरह से उजागर हो चुकी है। 'जितनी आबादी, उतना हक' राहुल गांधी का यह नारा झूठा है।"

केंद्रीय मंत्री ने प्रश्न उठाया, "कर्नाटक सरकार ने 165 करोड़ खर्च किए हैं। अब पुनः सर्वेक्षण कराने की बात की जा रही है, तो इसका जिम्मेदार कौन है? कर्नाटक के मुख्यमंत्री कहते हैं कि दोबारा सर्वे कराने का निर्णय आलाकमान का है, तो सरकार वास्तव में कौन चला रहा है? डी.के. शिवकुमार कुछ और कह रहे हैं। वह सर्वेक्षण की प्रक्रिया पर ही सवाल उठा रहे हैं।"

Point of View

NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

कर्नाटक में जातिगत सर्वेक्षण का उद्देश क्या है?
जातिगत सर्वेक्षण का उद्देश्य विभिन्न जातियों और समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को समझना और उनके विकास के लिए नीतियां बनाना है।
भूपेंद्र यादव ने राहुल गांधी पर क्या आरोप लगाए हैं?
भूपेंद्र यादव ने राहुल गांधी के 'जितनी आबादी, उतना हक' नारे को झूठा बताते हुए कहा कि यह केवल दिखावा है।
ओबीसी कमीशन को कब संवैधानिक दर्जा मिला?
ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा तब मिला जब नरेंद्र मोदी की सरकार आई।