क्या कर्नाटक में कांग्रेस विधायक सतीश सैल को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- सतीश सैल को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया।
- गिरफ्तारी के समय वे पूछताछ में शामिल हो रहे थे।
- ईडी ने उनके आवास पर छापेमारी की थी।
- वे तीसरे कांग्रेस विधायक हैं जिन्हें हाल में गिरफ्तार किया गया।
- इससे पहले, उनके खिलाफ अवैध लौह अयस्क निर्यात के मामले दर्ज हो चुके हैं।
बेंगलुरु, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के कारवार निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस विधायक सतीश के. सैल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने मंगलवार को बेंगलुरु में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
विधायक सतीश सैल की गिरफ्तारी उस समय हुई जब वह ईडी कार्यालय में एक पूछताछ में शामिल होने गए थे।
ईडी ने 13 और 14 अगस्त को अवैध लौह अयस्क निर्यात के आरोपों के सिलसिले में विधायक सतीश सैल के आवास पर छापेमारी की थी और उस दौरान अवैध संपत्ति, नकदी और आभूषण बरामद किए थे।
ईडी के अधिकारियों ने भारी मात्रा में नकदी और सोना जब्त किया। सतीश सैल की संपत्तियों पर कारवार, गोवा, मुंबई और दिल्ली में तलाशी अभियान चलाया गया। अधिकारियों ने दस्तावेजों, सोने और नकदी को दो बक्सों में भर दिया।
विधायक सतीश सैल हाल के दिनों में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए जाने वाले तीसरे कांग्रेस विधायक हैं। चित्रदुर्ग विधायक के.सी. वीरेंद्र और धारवाड़ ग्रामीण विधायक विनय कुलकर्णी अन्य दो विधायक हैं।
सूत्रों के अनुसार, विधायक सतीश सैल को मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाया जाएगा और बाद में उन्हें न्यायाधीश के समक्ष पेश किया जाएगा। उनकी गिरफ्तारी के संबंध में अभी और जानकारी सामने आनी बाकी है।
26 अक्टूबर, 2024 को एक विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने बेलेकेरी अवैध लौह अयस्क निर्यात मामले से जुड़े सभी छह मामलों में विधायक सतीश सैल को सात साल की कैद की सजा सुनाई। अदालत ने उन पर 44 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया था।
अवैध लौह अयस्क निर्यात मामले में 2010 में एक मामला दर्ज किया गया था और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बाद में इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था।
विधायक सतीश सैल को पहले मामले में दूसरे आरोपी के रूप में नामित किया गया था।