क्या भारतीय लोकतंत्र को बचाने के लिए 'करो या मरो' अभियान पर निकलना होगा? केसी वेणुगोपाल

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए जागरूकता महत्वपूर्ण है।
- राहुल गांधी के सवालों से चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं।
- 'करो या मरो' का अभियान एक नई पहल है।
- जनता की आवाज़ को सुनना आवश्यक है।
- चुनाव में गड़बड़ी के खिलाफ एकजुट होना होगा।
नई दिल्ली, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी चुनाव आयोग पर लगातार चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस अब चुनाव आयोग को घेरने की योजना बना रही है। इस संबंध में कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने जानकारी साझा की है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि जिस प्रकार महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 'करो या मरो' का नारा दिया था, उसी प्रकार आज हमें भारतीय लोकतंत्र को बचाने के लिए 'करो या मरो' के अभियान पर निकलना होगा।
वेणुगोपाल ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा उजागर किए गए मतदाता सूची में हेराफेरी और चुनावी धोखाधड़ी के खिलाफ पार्टी के राष्ट्रव्यापी अभियान पर चर्चा करने के लिए, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिवों, प्रभारियों और प्रमुख संगठन प्रमुखों की एक बैठक 11 अगस्त को शाम 4:30 बजे नई दिल्ली स्थित 24 अकबर रोड पर होगी। इस बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि देश भर की प्रदेश कांग्रेस समितियां 9 अगस्त को इस चुनावी धोखाधड़ी में भाजपा-चुनाव आयोग की सांठगांठ को उजागर करने के लिए राज्य मुख्यालयों पर राहुल गांधी की ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस का प्रदर्शन करेंगी।
इससे पहले राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग से 5 सवाल हैं और देश को जवाब चाहिए। पहला, विपक्ष को डिजिटल वोटर लिस्ट क्यों नहीं मिल रही? क्या छिपा रहे हो? दूसरा, सीसीटीवी और वीडियो सबूत मिटाए जा रहे हैं, क्यों? किसके कहने पर? तीसरा, फर्जी वोटिंग और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की गई, क्यों? चौथा, विपक्षी नेताओं को धमकाना, डराना, क्यों? पांचवां, साफ-साफ बताओ, क्या ईसीआई अब भाजपा का एजेंट बन चुका है?
उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र बेशकीमती है, इसकी चोरी का अंजाम बहुत भयानक होगा। अब जनता बोल रही है, बहुत हुआ।