क्या करूर भगदड़ के बाद लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है? सीपीआई महासचिव डी. राजा का बयान

सारांश
Key Takeaways
- लोगों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए।
- घटनाओं की जांच बिना देरी के होनी चाहिए।
- सभी राजनीतिक दलों के लिए यह एक सबक होना चाहिए।
नई दिल्ली, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव डी. राजा ने करूर में हुई भगदड़ पर गहरा दुःख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी इस दुखद घटना पर शोक प्रकट करती है और इस कठिन समय में हम मृतकों के परिवारों के साथ खड़े हैं।
डी. राजा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "यह एक गंभीर घटना है और मेरी पार्टी इस पर गहरा शोक व्यक्त करती है। यह हादसा तमिलनाडु के करूर में टीवीके की रैली के दौरान हुआ। तमिलनाडु के डीजीपी ने बताया कि नेता के समय पर न पहुंचने, भीड़ के अत्यधिक होने और आवश्यक चीजों की अनुपलब्धता के कारण यह दुखद भगदड़ हुई। फिर भी, मेरा मानना है कि लोगों की सुरक्षा से कभी समझौता नहीं किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं और हमें रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।"
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने हादसे की जानकारी मिलने पर रात को करूर जाकर घायलों से अस्पताल में मुलाकात की। वे सभी व्यवस्थाओं की देखरेख कर रहे हैं और उन्होंने मृतकों, घायलों और अस्पताल में भर्ती लोगों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की है। उन्होंने अपने सभी मंत्रियों और अधिकारियों को प्रभावित लोगों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है।
डी. राजा ने यह भी कहा कि जांच को जल्दी पूरा किया जाना चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके और सभी राजनीतिक दलों के लिए यह एक सबक बन सके।
उन्होंने कहा, "हम तमिलनाडु के मुख्यमंत्री की चिंताओं से सहमत हैं। मुख्यमंत्री ने एक सदस्यीय जांच समिति की घोषणा की है। हम चाहते हैं कि यह जांच जल्द से जल्द पूरी हो ताकि सुधार किए जा सकें और यह सभी राजनीतिक दलों के लिए एक सबक हो।"
उन्होंने पुनः कहा कि लोगों की सुरक्षा से कभी समझौता नहीं किया जा सकता।