क्या काशी में नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा के दर्शन के लिए लगी लंबी कतार?

Click to start listening
क्या काशी में नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा के दर्शन के लिए लगी लंबी कतार?

सारांश

काशी में नवरात्रि के चौथे दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मां कूष्मांडा के दर्शन के लिए उमड़ी। भक्तों की मान्यता है कि मां कूष्मांडा सृष्टि की आदिस्वरूपा हैं। उनके दर्शन से सभी प्रकार की परेशानियों का अंत होता है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

Key Takeaways

  • मां कूष्मांडा का पूजन सृष्टि की आदिस्वरूपा के रूप में किया जाता है।
  • भक्तों का मानना है कि उनके दर्शन से सुख और समृद्धि का वास होता है।
  • मंदिर में विशेष पूजा की व्यवस्था भक्तों की कुंडली में ग्रह दोष के लिए होती है।

वाराणसी, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन काशी में श्रद्धालुओं की विशाल भीड़ मां कूष्मांडा के दर्शन के लिए उमड़ पड़ी। इस दिन देवी दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि मां कूष्मांडा सृष्टि की आदिस्वरूपा हैं और ब्रह्मांड की रचना का प्रारंभ उन्होंने ही किया था। धर्मनगरी वाराणसी के दुर्गाकुंड में स्थित प्राचीन मंदिर में मां कूष्मांडा विराजमान हैं।

सुबह की मंगल आरती के बाद से ही श्रद्धालुओं की लम्बी कतारें मंदिर परिसर के बाहर लग गई थीं। हर कोई मां के दर्शन कर अपने दुखों से मुक्ति और जीवन में सुख, शांति व समृद्धि की कामना कर रहा था।

भक्तों का मानना है कि मां कूष्मांडा के दर्शन मात्र से सभी प्रकार की परेशानियों का अंत हो जाता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

मां कूष्मांडा के दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए बताया कि यहां आकर उन्हें आंतरिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा की अनुभूति हुई।

किरण मिश्रा ने बताया कि दर्शन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा, लेकिन मां के दर्शन होते ही सारी थकान दूर हो गई।

वहीं, जया देवी ने कहा कि वह हर साल नवरात्रि में मां के दर्शन करने आती हैं क्योंकि इससे जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

एक अन्य श्रद्धालु रेनू मौर्य ने कहा कि मां के दर्शन से सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और मन को शांति मिलती है।

मंदिर के पुजारी सोनू झा ने बताया कि नवरात्रि में मां कूष्मांडा की पूजा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उन्होंने कहा कि यहां विशेष पूजा की व्यवस्था की जाती है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी कुंडली में ग्रह दोष होते हैं। मंदिर परिसर में देवी-देवताओं की उपस्थिति का विशेष महत्व है और मां के आशीर्वाद से भक्तों के कष्ट दूर हो जाते हैं।

Point of View

NationPress
25/09/2025

Frequently Asked Questions

मां कूष्मांडा की पूजा का महत्व क्या है?
मां कूष्मांडा की पूजा का महत्व यह है कि उन्हें सृष्टि की आदिस्वरूपा माना जाता है, और उनके दर्शन से भक्तों की सभी परेशानियां दूर होती हैं।
काशी में नवरात्रि के दौरान भक्तों की भीड़ क्यों होती है?
काशी में नवरात्रि के दौरान भक्तों की भीड़ मां कूष्मांडा के दर्शन के लिए होती है, जो सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।