क्या यूपी पुलिस अपराधियों के लिए भय और नागरिकों के लिए विश्वास का प्रतीक बन गई है: सीएम योगी?
सारांश
Key Takeaways
- पुलिसिंग में व्यापक बदलाव
- नवाचार और प्रगति
- अपराधियों के लिए भय
- नागरिकों के लिए विश्वास
- प्रो-एक्टिव पुलिसिंग
लखनऊ, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय राज्यस्तरीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन-2025 ‘पुलिस मंथन’ को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रयासों के परिणामस्वरूप आज यूपी को देश और दुनिया में एक रोल मॉडल के रूप में देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि वर्ष 2017 से अब तक पुलिसिंग के सभी स्तरों पर व्यापक बदलाव किए गए हैं। भर्ती, प्रशिक्षण, आधारभूत संरचना, तकनीक, साइबर सुरक्षा, फॉरेंसिक क्षमता, पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था, यूपी-112, सेफ सिटी मॉडल, महिला पुलिस भर्ती, और प्रीडिक्टिव पुलिसिंग में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। पहले जहाँ प्रशिक्षण क्षमता सीमित थी, वहीं अब 60,000 से अधिक आरक्षियों का प्रशिक्षण प्रदेश के अंदर ही किया जा रहा है। 75 जनपदों में साइबर थाने, 12 एफएसएल लैब और फॉरेंसिक विश्वविद्यालय जैसे संस्थागत बदलाव प्रदेश की नई सोच का परिचायक हैं।
उन्होंने कहा कि आज यूपी पुलिस अपराधियों के लिए भय और आम नागरिकों के लिए विश्वास और सम्मान का प्रतीक बन चुकी है। पुलिस की भूमिका अब केवल प्रतिक्रियात्मक नहीं है, बल्कि प्रो-एक्टिव और प्रीडिक्टिव पुलिसिंग की दिशा में भी बढ़ रही है। उन्होंने बेस्ट प्रैक्टिसेस साझा करने, नवाचार अपनाने और समयबद्ध कार्य प्रस्तुत करने की आवश्यकता पर बल दिया। अंत में मुख्यमंत्री योगी ने विश्वास व्यक्त किया कि यह दो दिवसीय पुलिस मंथन कार्यक्रम नीति, रणनीति और बेहतर क्रियान्वयन के माध्यम से समग्र पुलिसिंग को नई दिशा देगा और यूपी पुलिस अपने कार्यों को आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ाएगी।
पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने विभिन्न सत्रों की रूपरेखा और उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए 2017 के बाद मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पुलिस की परिवर्तनकारी यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने भर्ती, प्रशिक्षण, आधारभूत संरचना, तकनीक आधारित नागरिक सेवाओं, फॉरेंसिक सुदृढ़ीकरण, साइबर पुलिसिंग, मिशन शक्ति केंद्र, विशेष इकाइयों के गठन तथा अपराध के प्रति जीरो टोलरेंस नीति के प्रभाव को रेखांकित करते हुए कहा कि सम्मेलन का लक्ष्य प्रत्येक सत्र से स्पष्ट उत्तरदायित्व, निर्णयों की स्पष्ट टाइमलाइन और ठोस परिणाम सुनिश्चित करना है, ताकि यह मंथन कक्षों से निकलकर फील्ड में दिखाई दे और नागरिकों तक बेहतर, रिस्पॉन्सिव एवं सिटीजन फर्स्ट पुलिस सेवा पहुंचे। सम्मेलन के पहले दिन कुल 7 सत्र आयोजित किए गए, जिनमें प्रत्येक सत्र के 7 नोडल वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एवं उनकी टीम द्वारा विभिन्न विषयों पर प्रस्तुतीकरण दिया गया।