क्या भारतीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए केसी वेणुगोपाल एक बड़ा अभियान शुरू करेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस का बड़ा अभियान भारतीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए है।
- राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- कार्यक्रम में मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी शामिल होंगे।
नई दिल्ली, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है। इसी क्रम में कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि हम भारतीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक बड़े अभियान की शुरुआत करेंगे।
वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को जो खुलासा किया है, वह तो बहुत छोटा मामला है, केवल एक विधानसभा क्षेत्र का डेटा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि एक संगठित और बहुआयामी दृष्टिकोण के माध्यम से भाजपा-नियंत्रित चुनाव आयोग ने कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख से अधिक फर्जी वोट जोड़े।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट उपलब्ध कराने से इनकार और 45 दिनों के भीतर सीसीटीवी फुटेज नष्ट करने का उनका फैसला इस बात का स्पष्ट सबूत है कि वे लोकतंत्र की रक्षा नहीं, बल्कि धांधली के सबूत मिटाने का प्रयास कर रहे हैं। यहाँ तक कि एसआईआर प्रक्रिया भी करोड़ों भारतीयों को उनके मताधिकार से वंचित करने की उसी नापाक योजना का हिस्सा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र को बचाने के लिए यह 'करो या मरो' की लड़ाई है। जिस प्रकार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1942 में अंग्रेजों के खिलाफ 'भारत छोड़ो आंदोलन' चलाया था, उसी प्रकार हम इस लूट से भारतीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक बड़े अभियान की शुरुआत करेंगे। इसी के तहत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी 8 अगस्त को बेंगलुरु में फ्रीडम पार्क से कर्नाटक के सीईओ कार्यालय तक एक विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक के चीफ इलेक्शन ऑफिसर (सीईओ) की वोटों की यह दिनदहाड़े लूट, जो आपकी निगरानी में हुई है। सबूत अब पूरे देश के सामने है। हम शुक्रवार को आपके कार्यालय तक मार्च करेंगे और आपके सामने सबूत रखेंगे और जवाब मांगेंगे। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, हम चैन से नहीं बैठेंगे। चुनाव आयोग को इस मामले में देरी नहीं करनी चाहिए और राहुल गांधी की मांगों को जल्द से जल्द मान लेना चाहिए।