क्या केंद्र ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के नकारात्मक प्रभाव की खबरों का खंडन किया?

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क्या केंद्र ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के नकारात्मक प्रभाव की खबरों का खंडन किया?

सारांश

केंद्र सरकार ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के संभावित नकारात्मक प्रभावों को लेकर मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया है, यह बयान उन चिंताओं को निराधार बताते हुए आया है। जानिए इस मामले में मंत्रालय का क्या कहना है और क्या यह वाकई आपके वाहन को प्रभावित करेगा।

Key Takeaways

  • पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को लेकर उठ रही चिंताओं का खंडन किया गया है।
  • ई20 मिश्रण से वाहन प्रदर्शन पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं है।
  • इथेनॉल का उपयोग ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने में मदद करता है।
  • माइलेज में मामूली कमी आ सकती है, लेकिन इंजन ट्यूनिंग से इसे कम किया जा सकता है।
  • ई20 से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी लाभ होता है।

नई दिल्ली, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया है, जिनमें पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण (ई20) के संभावित नकारात्मक प्रभाव, विशेषकर पुराने वाहनों और ग्राहक अनुभव के बारे में चिंता जताई गई थी।

पेट्रोलियम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "हालांकि, ये चिंताएं काफी हद तक निराधार हैं और इसे लेकर वैज्ञानिक प्रमाण या विशेषज्ञ विश्लेषण का भी अभाव है।"

उन्होंने आगे कहा कि पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण से वाहनों को नुकसान पहुंचने या उपभोक्ताओं को अनावश्यक परेशानी होने की बात 'वास्तविक तथ्यों' पर आधारित नहीं है और इसमें तकनीकी आधार का भी अभाव है।

कार्ब्युरेटेड और फ्यूल-इंजेक्टेड व्हीकल के पहले 1,00,000 किलोमीटर के दौरान हर 10,000 किलोमीटर पर टेस्टिंग के माध्यम से वाहनों के मैकेनिकल, एनर्जी और पर्यावरणीय प्रदर्शन पर इथेनॉल-पेट्रोल मिश्रण के उपयोग के प्रभाव पर इंटरनेशनल स्टडी से सांख्यिकीय रूप से पावर और टॉर्क जनरेटर तथा ईंधन की खपत में कोई अंतर नहीं दिखा।

मंत्रालय ने एक एक्स पोस्ट में कहा, "ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम (आईआईपी) और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आरएंडडी) द्वारा सामग्री अनुकूलता और चलाने योग्यता परीक्षणों ने पुष्टि की है कि पुराने वाहनों में भी ई20 से चलने पर कोई महत्वपूर्ण बदलाव, प्रदर्शन संबंधी परेशानी या असामान्य टूट-फूट नहीं देखी गई। इसके अलावा, ई20 ईंधन ने इंजन को बिना किसी नुकसान के गर्म और ठंडे स्टार्टेबिलिटी टेस्ट को पास कर लिया।"

ईंधन दक्षता को लेकर मंत्रालय ने कहा कि इथेनॉल, पेट्रोल की तुलना में ऊर्जा घनत्व में कम होने के कारण, माइलेज में मामूली कमी लाता है।

मंत्रालय ने इस बात पर जोर देते हुए कहा, "बेहतर इंजन ट्यूनिंग और ई20-संगत सामग्रियों के इस्तेमाल से दक्षता में इस मामूली गिरावट को और कम किया जा सकता है, जिन्हें प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्माता पहले ही अपना चुके हैं। दरअसल, सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने पुष्टि की है कि अपग्रेडेड कंपोनेंट्स वाले ई20-संगत वाहन अप्रैल 2023 से बाजार में आने शुरू हो गए हैं। इस प्रकार, यह आरोप कि ई20 ईंधन दक्षता में भारी गिरावट लाता है, जो तथ्यात्मक रूप से गलत है।"

ई20 के लिए सुरक्षा मानक (संक्षारण अवरोधक और संगत ईंधन प्रणाली सामग्री) बीआईएस विनिर्देशों और ऑटोमोटिव उद्योग मानकों के माध्यम से अच्छी तरह से स्थापित हैं।

कुछ पुराने वाहनों में 20,000 से 30,000 किलोमीटर के लंबे इस्तेमाल के बाद कुछ रबर के पुर्जों/गैस्केट को बदलने की सलाह दी जा सकती है।

मंत्रालय ने कहा कि यह बदलाव सस्ता है और वाहन की नियमित सर्विसिंग के दौरान आसानी से किया जा सकता है।

इथेनॉल की ऑक्टेन संख्या 108.5 होती है, जो कि पेट्रोल की ऑक्टेन संख्या 84.4 से ज्यादा है, जिसका अर्थ है कि इथेनॉल-पेट्रोल मिश्रण की ऑक्टेन संख्या पारंपरिक पेट्रोल से ज्यादा होती है।

इसलिए, मंत्रालय ने आगे कहा कि आधुनिक हाई-कंप्रेशन रेश्यो इंजन के लिए आवश्यक हाई-ऑक्टेन फ्यूल (95) प्रदान करने के लिए इथेनॉल का उपयोग एक आंशिक विकल्प बन गया है, जो बेहतर राइड क्वालिटी प्रदान करते हैं।

मंत्रालय ने आगे कहा, "ई20 मिश्रण कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता को कम करके भारत की ऊर्जा सुरक्षा को महत्वपूर्ण रूप से मजबूत करता है। वास्तव में, 2014-15 से पेट्रोल के विकल्प के माध्यम से भारत 1.40 लाख करोड़ रुपए से अधिक की विदेशी मुद्रा बचा चुका है। इथेनॉल मिश्रण ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है, जिससे किसानों को 1.20 लाख करोड़ रुपए से अधिक का त्वरित भुगतान होता है, जिससे कृषि और जैव ईंधन क्षेत्रों में आय और रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।"

Point of View

बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त करेगा। इस प्रकार, सरकार का यह रुख स्पष्ट करता है कि वे देश के हित में निर्णय ले रहे हैं।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या ई20 मिश्रण पुराने वाहनों के लिए सुरक्षित है?
हां, मंत्रालय ने पुष्टि की है कि ई20 से पुराने वाहनों में कोई महत्वपूर्ण प्रदर्शन संबंधी परेशानी नहीं देखी गई है।
इथेनॉल का उपयोग क्यों किया जा रहा है?
इथेनॉल का उपयोग कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता को कम करने और ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।
क्या ई20 से ईंधन दक्षता में कमी आती है?
इथेनॉल, पेट्रोल की तुलना में ऊर्जा घनत्व में कम होता है, जिससे माइलेज में मामूली कमी आ सकती है।
इथेनॉल की ऑक्टेन संख्या क्या है?
इथेनॉल की ऑक्टेन संख्या 108.5 होती है, जो पेट्रोल से अधिक है।
क्या पुराने वाहनों के पुर्जे बदलने की आवश्यकता है?
कुछ पुराने वाहनों में 20,000 से 30,000 किलोमीटर के बाद रबर के पुर्जों को बदलने की सलाह दी जा सकती है।