क्या केंद्र ने स्टेट माइनिंग रेडीनेस इंडेक्स और राज्य रैंकिंग जारी की है?

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क्या केंद्र ने स्टेट माइनिंग रेडीनेस इंडेक्स और राज्य रैंकिंग जारी की है?

सारांश

खान मंत्रालय ने हाल ही में स्टेट माइनिंग रेडीनेस इंडेक्स और राज्य रैंकिंग की घोषणा की है, जो माइनिंग सेक्टर में सुधारों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जानिए इस इंडेक्स के तहत कौन से राज्य शीर्ष पर हैं और इसके पीछे की योजना क्या है।

Key Takeaways

  • राजस्थान ने प्रमुख खनिज ब्लॉकों की नीलामी शुरू की।
  • एसएमआरआई में राज्यों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
  • इस इंडेक्स में नीलामी प्रदर्शन और सस्टेनेबल माइनिंग जैसे संकेतक शामिल हैं।
  • केंद्र ने 2025-26 के बजट में माइनिंग सेक्टर के सुधारों की प्रतिबद्धता दिखाई है।
  • कोयला मंत्रालय ने 1,03,000 रुपए का पीएलआर घोषित किया।

नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। खान मंत्रालय ने केंद्रीय बजट 2025-26 में की गई प्रतिबद्धताओं के तहत, गुरुवार को स्टेट माइनिंग रेडीनेस इंडेक्स और राज्य रैंकिंग का अनावरण किया। यह कदम राज्यों में माइनिंग सेक्टर से जुड़े सुधारों को मजबूत बनाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

एसएमआरआई के अंतर्गत, राज्यों को उनके खनिज भंडार के आधार पर तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।

श्रेणी ए में शीर्ष तीन राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात हैं, जबकि श्रेणी बी में गोवा, उत्तर प्रदेश और असम को शीर्ष तीन में रखा गया है।

श्रेणी सी में, पंजाब, उत्तराखंड और त्रिपुरा को पहले तीन स्थान दिए गए हैं।

इंडेक्स की संरचना में नीलामी प्रदर्शन, शीघ्र खदान संचालन, एक्सप्लोरेशन पर ध्यान और गैर-कोयला खनिजों से संबंधित सस्टेनेबल माइनिंग जैसे संकेतक शामिल हैं, जो माइनिंग क्षेत्र में राज्य के प्रदर्शन को उजागर करने में सहायक हैं।

हाल ही में, राजस्थान भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने सभी आवश्यक पूर्व-निर्धारित अनुमतियों को प्राप्त करने के बाद प्रमुख खनिज ब्लॉकों की नीलामी प्रारंभ की है। इस कदम का उद्देश्य खनन कार्यों में तेजी लाना, निवेश को बढ़ावा देना और रोजगार सृजन करना है। अन्य राज्य भी इसी दिशा में कदम बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।

इससे पहले, कोयला मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के कोयला उपक्रमों के गैर-कार्यकारी कर्मचारियों के लिए 1,03,000 रुपए का परफॉर्मेंस-लिंक्ड रिवॉर्ड (पीएलआर) की घोषणा की गई थी।

कोयला मंत्रालय ने बताया था कि इस रिवॉर्ड से कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और सीआईएल की सहायक कंपनियों के लगभग 2.1 लाख गैर-कार्यकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।

मंत्रालय के अनुसार, इस पीएलआर का उद्देश्य सीआईएल की सभी सहायक कंपनियों और एससीसीएल के गैर-कार्यकारी कर्मचारियों की मेहनत को मान्यता देना था।

इसके अलावा, पीएम मोदी के मार्गदर्शन में और केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी के नेतृत्व में, खान मंत्रालय ने 2 से 31 अक्टूबर, 2025 तक मनाए जा रहे विशेष अभियान 5.0 के तहत पैन इंडिया ई-वेस्ट रिसाइकलिंग ड्राइव की शुरुआत की है।

यह अभियान इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट से वैज्ञानिक निपटान और संसाधन पुनर्प्राप्ति सुनिश्चित करते हुए सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता में सुधार लाने पर केंद्रित है।

Point of View

लेकिन यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि यह केवल एक प्रारंभिक कदम है। हमें यह देखना होगा कि राज्यों की सरकारें इन रेटिंग्स का सही उपयोग कैसे करती हैं और माइनिंग क्षेत्र में सुधार लाने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।
NationPress
16/10/2025

Frequently Asked Questions

स्टेट माइनिंग रेडीनेस इंडेक्स क्या है?
यह एक इंडेक्स है जो राज्यों की माइनिंग क्षेत्र में प्रदर्शन को मापता है और सुधारों के लिए दिशा निर्देश प्रदान करता है।
राजस्थान ने नीलामी क्यों शुरू की?
राजस्थान ने खनन कार्यों में तेजी लाने, निवेश को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन के लिए नीलामी शुरू की।