क्या केंद्र सरकार आव्रजन और विदेशी अधिनियम से जनता को भ्रमित कर रही है? : जेएमएम सांसद महुआ

सारांश
Key Takeaways
- केंद्र सरकार ने 'आव्रजन और विदेशी अधिनियम, 2025' लागू किया है।
- महुआ माजी ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं।
- शशि थरूर के विचारों को लेकर राजनीतिक बयानबाजी चल रही है।
नई दिल्ली, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने ‘आव्रजन और विदेशी अधिनियम, 2025’ को लागू कर दिया है, जो 1 सितंबर से प्रभावी हो गया है। इस कानून का प्राथमिक उद्देश्य जाली दस्तावेजों (जैसे पासपोर्ट, वीजा आदि) के उपयोग को रोकना और देश की सुरक्षा को सशक्त बनाना है।
सरकार का दावा है कि यह कानून अवैध तरीके से देश में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों और नकली दस्तावेजों के माध्यम से नागरिकता या वीजा प्राप्त करने वालों पर अंकुश लगाएगा। हालांकि, विपक्ष ने इस पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की सांसद महुआ माजी ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस के साथ एक विशेष बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि एक्ट लागू किया जा रहा है, लेकिन आप सोचिए कि 11 साल से केंद्र में किसकी सरकार है? अगर दूसरे देशों से लोग भारत में प्रवेश कर रहे हैं, तो यह केंद्र की जिम्मेदारी है। देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र की है। इतने सालों में आप क्या कर रहे थे? अब कानून लाकर सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है और जनता को भ्रमित कर रही है।
वहीं, कांग्रेस सांसद शशि थरूर पर केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि 'शशि थरूर देशहित में सोचते हैं, लेकिन कांग्रेस में उन्हें बोलने की आज़ादी नहीं है।'
जेएमएम सांसद ने केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर देशहित में सोचते हैं, लेकिन उन्हें अपनी ही पार्टी में बोलने की आज़ादी नहीं है। इस पर महुआ माजी ने कहा कि यह सही नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शशि थरूर एक लेखक हैं और उनके अपने विचार हो सकते हैं। कई बार वह पार्टी लाइन से हटकर भी अपनी बात रखते हैं, लेकिन जो भी कहते हैं, सोच-समझकर और जिम्मेदारी से कहते हैं। इसे कांग्रेस से जोड़ने की कोई जरूरत नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि शशि थरूर एक बुद्धिजीवी हैं, जिनकी देश-विदेश में अपनी एक अलग पहचान है और वे अपने विवेक से बोलने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र हैं।