क्या केंद्र सरकार 13.59 लाख घरों को बिजली देने के लिए 'आरडीएसएस' के तहत 6,487 करोड़ रुपए स्वीकृत कर रही है?

सारांश
Key Takeaways
- आरडीएसएस के तहत 6,487 करोड़ रुपए की स्वीकृति।
- 13.59 लाख घरों को बिजली देने का लक्ष्य।
- विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों का समावेश।
- नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों का प्रोत्साहन।
- ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार।
नई दिल्ली, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। संसद में की गई जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने पूरे देश में 13.59 लाख घरों के विद्युतीकरण हेतु रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के अंतर्गत 6,487 करोड़ रुपए के कार्यों को स्वीकृति प्रदान की है।
केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह है कि दूर-दराज के क्षेत्रों में भी हर परिवार को बिजली की सुविधा उपलब्ध हो।
आरडीएसएस का लक्ष्य बिजली वितरण कंपनियों द्वारा किए गए सर्वेक्षणों के आधार पर उन घरों को बिजली से जोड़ना है जो पहले से छूट गए थे।
इसमें प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) के तहत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) के परिवार, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीए-जेजीयूए) के अंतर्गत जनजातीय परिवार, पीएम-अजय के तहत अनुसूचित जाति के परिवार और वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत दूरदराज और सीमावर्ती क्षेत्रों के परिवार शामिल हैं।
सरकार ग्रिड कनेक्शन के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों को भी बढ़ावा दे रही है। नई सौर ऊर्जा स्कीम के तहत, 30 जून तक 9,961 घरों को ऑफ-ग्रिड सौर ऊर्जा उपलब्ध कराने हेतु 50 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
यह योजना अक्टूबर 2017 में शुरू की गई प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) की सफलता के बाद आई है।
यह योजना पूरे भारत में लगभग 2.86 करोड़ घरों को बिजली प्रदान करने के बाद 31 मार्च, 2022 को समाप्त हुई।
उत्तर प्रदेश ने 91.8 लाख घरों को बिजली पहुंचाकर शीर्ष स्थान हासिल किया। बिहार 32.5 लाख घरों के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जबकि मध्य प्रदेश में 19.8 लाख, राजस्थान में 21.2 लाख और ओडिशा में 24.5 लाख घरों में बिजली पहुंचाई गई।
छोटे राज्यों ने भी शानदार प्रगति की है, जैसे कि सिक्किम ने 14,900 घरों, मिजोरम ने 27,970 घरों और हिमाचल प्रदेश ने 12,891 घरों का विद्युतीकरण किया है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है कि दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्र भी पीछे न रह जाएं।
अन्य प्रमुख योगदानकर्ताओं में असम के 23.2 लाख घर, झारखंड के 17.3 लाख घर, महाराष्ट्र के 15.1 लाख घर, पश्चिम बंगाल के 7.3 लाख घर और छत्तीसगढ़ के 7.9 लाख घर शामिल हैं।
राज्य मंत्री नाइक ने कहा कि सरकार हर इच्छुक घर तक बिजली पहुंचाने के प्रति प्रतिबद्ध है।
उन्होंने आगे कहा कि विश्वसनीय और सस्टेनेबल बिजली आपूर्ति न केवल जीवन स्तर को सुधारने के लिए, बल्कि ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण है।