क्या शिवराज सिंह ने तमिलनाडु में किसानों और दीदियों के साथ संवाद किया?
सारांश
Key Takeaways
- कृषि नवाचारों की समीक्षा और उनकी सराहना की गई।
- किसानों के लिए विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
- प्राकृतिक खेती और दलहन उत्पादन पर विशेष जोर दिया गया।
- किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
- किसानों के कल्याण के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता का संदेश दिया गया।
वेल्लोर/नई दिल्ली, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को तमिलनाडु के आईसीएआर–कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), वेल्लोर का दौरा किया। यह यात्रा देशभर में कृषि क्षेत्र की समग्र प्रगति और 'एक कृषि – एक देश – एक टीम' की भावना को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
वेल्लोर पहुंचने पर केंद्रीय मंत्री ने प्रगतिशील किसानों, महिला स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण युवाओं के साथ संवाद किया एवं क्षेत्र में कृषि नवाचारों और उपलब्धियों की समीक्षा की। चौहान ने केवीके वेल्लोर द्वारा विकसित 'वाइल्ड बोअर रिपेलेंट' तकनीक की सराहना की, जिसने किसानों को जंगली सूअरों से फसलों की सुरक्षा का व्यावहारिक समाधान प्रदान किया है। उन्होंने केंद्र में प्रदर्शित कृषि नवाचारों, मूल्यवर्धित उत्पादों और उच्च उत्पादकता वाली दलहन किस्मों का भी अवलोकन किया।
इस अवसर पर मंत्री ने किसानों से प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना (पीएम-डीडीकेवाई), राष्ट्रीय दलहन मिशन, राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन (एनएमएनएफ), क्लस्टर फ्रंटलाइन डिमॉन्स्ट्रेशन ऑन पल्सेस (सीएफएलडी) और फरमेंटेड ऑर्गेनिक मैन्योर (एफओएम/एलएफओएम) जैसी योजनाओं के क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने इन योजनाओं के जमीनी प्रभाव और किसानों द्वारा अनुभव किए गए लाभों की जानकारी ली।
चौहान ने पहली चौपाल के दौरान तमिलनाडु के विरुधुनगर, शिवगंगई, तूतीकोरिन और रामनाथपुरम जिलों के किसानों से संवाद किया, जो प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत ११ केंद्रीय मंत्रालयों की ३६ योजनाओं का एकीकरण किया गया है, जिससे किसानों को व्यापक और समेकित लाभ मिलेगा। उन्होंने चारों केवीके प्रमुखों से योजनाओं के संविलयन की प्रगति रिपोर्ट भी प्राप्त की। किसानों ने इस मौके पर प्राकृतिक खेती, मुण्डु मिर्च, दलहन और तिलहन से जुड़ी परियोजनाओं के प्रति संतोष व्यक्त किया।
दूसरी चौपाल में शिवराज सिंह चौहान ने प्राकृतिक खेती और राष्ट्रीय दलहन मिशन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया यह अभियान देश को दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु को इस योजना से विशेष लाभ होगा क्योंकि इसमें बेहतर किस्में, आधुनिक तकनीक और विपणन की सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं। उन्होंने टीएनएयू के राष्ट्रीय दलहन अनुसंधान केंद्र, वाम्बन द्वारा विकसित उन्नत किस्मों की भी प्रशंसा की।
किसानों की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए चौहान ने कहा कि नारियल फसलों में कीट और रोग प्रबंधन के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आम उत्पादन में अधिशेष (ग्लट) की स्थिति से निपटने के लिए मूल्यवर्धन और प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत तमिलनाडु के पात्र किसानों को शीघ्र शामिल किया जाएगा, ताकि अधिकतम लाभ सुनिश्चित किया जा सके।
अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे तमिलनाडु के मेहनती किसानों, उनकी संस्कृति और मूल्यों से गहराई से प्रभावित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे जल्द ही फिर से तमिलनाडु आएंगे और किसानों से प्राकृतिक खेती और सतत कृषि विकास के मुद्दों पर सीधे संवाद करेंगे।
इस अवसर पर तमिलनाडु कृषि, बागवानी एवं किसान कल्याण विभाग के निदेशक, टीएनएयू के कुलपति डॉ. आर. तमिलवेंदान, आईसीएआर-एटीएआरआई हैदराबाद के निदेशक डॉ. शेख एन. मीरा, केंद्रीय कृषि मंत्रालय की संयुक्त सचिव ईनिथा, राज्य बागवानी आयुक्त कुमारवेल पांडियन, टीएनएयू एवं टीएएनयूवीएएस के वरिष्ठ अधिकारी और आईसीएआर, कृषि, बागवानी, पशुपालन विभागों और अन्य संबद्ध संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कार्यक्रम में सैकड़ों किसानों, ड्रोन दीदियों, महिला स्वयं सहायता समूहों और लखपति दीदियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस मौके पर क्षेत्रीय स्तर पर कृषि विकास, नवाचार और किसान कल्याण को लेकर सामूहिक प्रतिबद्धता का संदेश भी दिया गया।