क्या केरल में भूस्खलन ने घर को मलबे में बदल दिया? एक की मौत, पत्नी को बचाया गया
सारांश
Key Takeaways
- भूस्खलन से सुरक्षा को लेकर जागरूकता जरूरी है।
- आपातकालीन बचाव कार्य में स्थानीय लोगों की भागीदारी महत्वपूर्ण होती है।
- प्राकृतिक आपदाओं के प्रति तैयार रहना आवश्यक है।
तिरुवनंतपुरम, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल के इडुक्की जिले के आदिमाली में एक बडे़ भूस्खलन से एक घर क्षतिग्रस्त हुआ। इस घटना में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई और उसकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हुई। स्थानीय निवासियों और आपातकालीन टीमों ने सात घंटे तक बचाव कार्य जारी रखा और घायल महिला को मलबे से बाहर निकाला।
यह दुखद घटना शनिवार रात लगभग 10:30 बजे हुई। मृतक की पहचान बीजू के रूप में की गई है। हादसे के समय बीजू और संध्या अपने घर के अंदर थे, जब भारी बारिश के कारण पहाड़ी का एक हिस्सा ढह गया और उनके घर पर गिर पड़ा।
भूस्खलन के कारण कुछ ही क्षणों में उनका घर मलबे में तब्दील हो गया। बीजू और संध्या इस मलबे के बीच फंस गए। घटना की सूचना मिलने पर फायर और रेस्क्यू सर्विस की टीमें तथा राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने तुरंत बचाव कार्य आरंभ किया। स्थानीय लोगों ने भी मदद की और सभी ने मिलकर सात घंटे तक मलबे को हटाने में जुटे रहे।
मलबे और मिट्टी की परतों को हटाने के लिए जेसीबी मशीनों का प्रयोग किया गया। कई घंटे की मेहनत के बाद बीजू और संध्या को मलबे से निकाला गया, लेकिन रेस्क्यू के कुछ समय बाद बीजू ने दम तोड़ दिया। संध्या की हालत गंभीर है और उसे तुरंत कोच्चि के राजागिरी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बचाव कार्य में शामिल कर्मियों ने बताया कि दोनों भारी कंक्रीट की बीमों और मलबे के बीच फंसे हुए थे। उन्हें सावधानी से एक-एक करके भारी स्लैब हटाने पड़े ताकि और मलबा गिरने की संभावना न बढ़े। मिट्टी के खिसकने का खतरा बना रहा, जिससे बचाव कार्य में अत्यधिक सतर्कता बरतनी पड़ी।
स्थानीय लोग इस त्रासदी के लिए सड़क चौड़ी करने के लिए पास की पहाड़ी को तोड़ने को जिम्मेदार मानते हैं। उन्होंने कहा कि खुदाई ने ढलान को कमजोर कर दिया और लगातार बारिश ने भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न कर दी। अधिकारियों ने बताया कि इस घटना से पहले 22 परिवारों को सुरक्षित निकाल लेना एक बड़ी आपदा को टालने में मददगार साबित हुआ।
भूस्खलन का प्रभाव पास के कई घरों पर भी पड़ा। कई घरों के अंदर मिट्टी भर गई और दीवारें पूरी तरह से ढह गईं। इसके बाद अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्र को सील कर दिया और भूस्खलन के कारणों की विस्तृत जांच शुरू की है।