क्या केरल में रेलवे नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में तेजी से काम जारी है?: अश्विनी वैष्णव

सारांश
Key Takeaways
- केरल के रेलवे नेटवर्क में सुधार की दिशा में केंद्र सरकार का सक्रिय प्रयास।
- प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएँ।
- पिछले 60 वर्षों की तुलना में वर्तमान में अधिक कार्य हो रहे हैं।
- डीपीआर तैयार की जा रही है विभिन्न प्रमुख मार्गों के लिए।
- नई ट्रेनें शुरू करने के लिए ट्रैक की क्षमता बढ़ाना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को संसद में केरल के रेलवे नेटवर्क के विकास कार्यों के बारे में जानकारी दी और पिछले शासन, विशेषकर कांग्रेस पर आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार केरल में रेलवे ट्रैक की क्षमता बढ़ाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने देश पर 60 साल शासन किया, लेकिन केरल के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कुछ विशेष नहीं किया। आज यदि नई ट्रेनें शुरू करनी हैं, तो सबसे पहले ट्रैक की क्षमता को बढ़ाना होगा।" रेल मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने केरल के रेलवे नेटवर्क को मज़बूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण रेल मार्गों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि ये डीपीआर विभिन्न हिस्सों की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "आज केरल में पूरे रेलवे नेटवर्क की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्य कर रही है।"
इसके अंतर्गत शोरनूर से मैंगलोर तक तीसरी और चौथी लाइन के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। शोरनूर से एर्नाकुलम तक तीसरी लाइन की डीपीआर बनाई जा रही है। शोरनूर से कोयंबटूर (99 किमी) तक तीसरी और चौथी लाइन के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। एर्नाकुलम से कायनकुलम (115 किमी) तक तीसरी लाइन के लिए डीपीआर बन रही है। कायनकुलम से तिरुवनंतपुरम (105 किमी) तक तीसरी लाइन की डीपीआर बनाई जा रही है। तिरुवनंतपुरम से नागरकोयल (71 किमी) तक तीसरी लाइन की डीपीआर तैयार की जा रही है।
उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केरल के रेलवे नेटवर्क के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यदि इन कार्यों की तुलना पिछले 60 वर्षों से करें, तो आज एनडीए सरकार के तहत केरल में जितना कार्य हुआ है, वह पिछले छह दशकों में हुए कार्यों से अधिक है। जब ये परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी, तब हम केरल में और अधिक नई ट्रेनें शुरू कर सकेंगे।