क्या केरल के सीएम विजयन ने चुनाव आयोग पर लोकतंत्र कमजोर करने का आरोप लगाया?
सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री विजयन ने एसआईआर पर गंभीर चिंता व्यक्त की।
- चुनाव आयोग का निर्णय लोकतंत्र के लिए खतरा बताया गया।
- 12 राज्यों में मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण किया जाएगा।
तिरुवनंतपुरम, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण के दूसरे चरण की घोषणा की है, जिसमें केरल समेत देश के 12 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं। इस दौरान केरल के मुख्यमंत्री पिन्नाराई विजयन ने मंगलवार को चुनाव आयोग के एसआईआर निर्णय को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए कड़ा विरोध व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री पिन्नाराई विजयन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा, "केरल सहित अन्य राज्यों में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराना चुनाव आयोग का निर्णय हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अपमान है। पुरानी सूचियों के आधार पर इसे स्थानीय चुनावों से पहले जल्दबाजी में लागू करना गंभीर चिंता का विषय है।"
मुख्यमंत्री ने केरल में एसआईआर का विरोध करते हुए कहा, "केरल लोकतंत्र को कमजोर करने के इस प्रयास का कड़ा विरोध करता है और इसकी रक्षा के लिए एकजुट प्रतिरोध का आह्वान करता है।"
विजयन का यह बयान चुनाव आयोग के उस फैसले के बाद आया है जिसमें केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों में मतदाता सूचियों का विशेष पुनरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है।
आयोग का कहना है कि यह कदम फर्जी वोटरों को हटाने और सूचियों को साफ-सुथरा बनाने के लिए आवश्यक है। पुरानी मतदाता सूचियों में दोहराव, मृत व्यक्तियों के नाम और गैर-निवासियों की एंट्री जैसी अनियमितताओं को दूर करने पर जोर दिया जा रहा है। स्थानीय निकाय चुनावों से पहले यह प्रक्रिया तेजी से लागू की जा रही है, जिस पर कुछ राजनीतिक दलों ने आपत्ति जताई है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में देश के 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर की घोषणा की। इसके अंतर्गत पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा और छत्तीसगढ़ के अलावा अंडमान और निकोबार में एसआईआर प्रस्तावित है।
आयोग के अनुसार सोमवार रात इन राज्यों की मतदाता सूची को फ्रीज कर दिया गया है।