क्या खड़गे ने आईपीएस पूरन कुमार की पत्नी को पत्र लिखकर उन्हें ढांढस बंधाया?

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र में संवेदना व्यक्त की।
- सामाजिक न्याय की लड़ाई का महत्व बताया।
- पूर्वाग्रहों पर गहरा विचार किया गया।
- धैर्य और साहस की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
- यह घटना समाज में जागरूकता लाने का एक माध्यम है।
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आईपीएस पूरन कुमार की पत्नी अमनीत कुमार को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने आईपीएस पूरन कुमार की आत्महत्या की घटना पर परिवार को संواना प्रदान किया और इस गंभीर घटना की निंदा की। कांग्रेस पार्टी ने इस पत्र को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर साझा किया है।
उन्होंने कहा कि इस दुखद घटना ने मुझे और सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले सभी साथियों को बहुत पीड़ा पहुंचाई है। जब हम चांद पर झंडा गाड़ कर गौरवान्वित हो रहे हैं, तो संविधान ने जिन लोगों पर जनता के दुख, तकलीफ और पीड़ा से मुक्ति दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी है, उनको भी हम सशक्त नहीं कर सके हैं, यह शर्मनाक है।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने पत्र में लिखा, "अमनीत पी कुमार जी, यह पत्र आपको लिखते समय मैं मन से बहुत आहत और विह्वल महसूस कर रहा हूँ। आपके पति और हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एडीजीपी वाई पूरन कुमार ने सामाजिक पूर्वाग्रहों और विसंगतियों से जूझते हुए अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इस घटना की जानकारी से मेरे दिल को बहुत ठेस पहुंची है।"
उन्होंने आगे कहा, "अपने जीवन के लंबे अनुभव में मैंने कई घटनाओं को निकटता से देखा है, लेकिन पक्षपात और विभेदनकारी सोच के चलते घटी इस दुखद घटना ने मुझे और सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले सभी साथियों को बहुत पीड़ा पहुंचाई है। जब हम चांद पर झंडा गाड़ कर गौरवान्वित हो रहे हैं, तो संविधान ने जिन लोगों को जनता के दुख, तकलीफ और पीड़ा से मुक्ति दिलाने का दायित्व सौंपा है, उन्हें भी हम सशक्त नहीं कर सके हैं, यह शर्मनाक है। शोक की इस घड़ी में हम सभी आपके साथ हैं। उन्होंने जो सवाल उठाए हैं, वे एक निर्णायक मुकाम तक पहुंचेंगे। आपको भी धैर्य और साहस रखने की जरूरत है।"