क्या खान क्वेस्ट 2025 में भारतीय सैनिकों का जोश देखने लायक था?

सारांश
Key Takeaways
- खान क्वेस्ट 2025 का आयोजन शांति स्थापना के लिए किया जा रहा है।
- भारतीय सेना ने सीमित समय में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
- इस अभ्यास में 24 देशों की सेनाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
- संयुक्त प्रशिक्षण से विभिन्न देशों के बीच सहयोग बढ़ता है।
- यह अभ्यास भारतीय सेना की क्षमता को वैश्विक स्तर पर दर्शाता है।
नई दिल्ली, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारत और अमेरिका सहित 24 देशों की सेनाएं एक बहुराष्ट्रीय शांति स्थापना से जुड़ा सैन्य अभ्यास ‘खान क्वेस्ट’ में भाग ले रही हैं। यह अभ्यास मंगोलिया के फाइव हिल्स ट्रेनिंग एरिया में आयोजित हो रहा है, जहाँ भारतीय सेना की टुकड़ी ने एक अद्वितीय प्रदर्शन किया।
अनेक प्रतिभागी देशों की तुलना में भारतीय सेना के जवानों ने बहुत कम समय में अपना कार्य पूरा किया।
मंगोलिया में हुए विभिन्न सैन्य अभ्यासों में भारतीय सेना के जवान लगातार अपनी प्रतिभा का परिचय दे रहे हैं। मंगोलिया की एक शाम को जब यहाँ सूरज ढल रहा था, तब भी खान क्वेस्ट 2025 के क्रॉस फिटनेस इवेंट में हमारे जवानों की ऊर्जा उच्चतम स्तर पर थी। विश्वभर से आए सैन्य दलों ने इस चुनौतीपूर्ण प्रतिस्पर्धा में भाग लिया, जो सहनशक्ति, टीम भावना और रणनीतिक कौशल की परीक्षा थी। गगनभेदी उत्साह, संगीत और सैनिकों के उत्सवपूर्ण मनोबल के बीच, भारतीय सेना की टुकड़ी ने अद्भुत प्रदर्शन किया।
इस कठिन अभ्यास में रेत से भरे बोरे उठाने से लेकर भारी टायर पलटने तक, प्रत्येक भारतीय सैनिक ने अपनी संपूर्ण ऊर्जा लगा दी। यह केवल जीतने की बात नहीं थी, बल्कि चुनौती का आनंद लेने, सहयोगी सेनाओं के साथ जुड़ने और संयुक्त प्रशिक्षण की भावना को मजबूत करने का अवसर भी था। यह उपलब्धि एक बार फिर दिखाती है कि भारतीय सेना न केवल सैन्य अभियानों में, बल्कि वैश्विक सैन्य कूटनीति में भी उत्कृष्टता के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता बनाए रखती है।
अमेरिकी इंडो-पैसिफिक कमांड के साथ साझेदारी में यह अभ्यास शांति स्थापना में सैन्य कौशल को निखारने के लिए 24 देशों की सैन्य टुकड़ियों को एकत्रित करता है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 14 जून से शुरू हुए ‘खान क्वेस्ट’ सैन्य अभ्यास का समापन 28 जून को होगा। इसका उद्देश्य विभिन्न देशों के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है। इस अभ्यास के दौरान संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में कार्य संचालन और मानवीय राहत अभियानों का अभ्यास किया जा रहा है।
संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में सिविल-मिलिट्री समन्वय जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही यहाँ कई अन्य गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। ये सभी प्रशिक्षण गतिविधियाँ संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों के मानकों के तहत की जा रही हैं। सेना का मानना है कि इस अभियान में भारत की सहभागिता उसके समृद्ध यूएन शांति रक्षा अनुभव को दर्शाती है। साथ ही, मंगोलिया के साथ भारत के रणनीतिक संबंधों को भी यह अभ्यास मजबूत करता है। अभ्यास के दौरान भारतीय सैन्य दल विश्व के अन्य देशों की सेनाओं के साथ यथार्थ-आधारित परिदृश्यों में प्रशिक्षण कर रहा है।