क्या जंगलराज छोड़ेंगे, रोजगार और पलायन पर कब बोलेंगे एनडीए नेता: खेसारी लाल यादव?
सारांश
Key Takeaways
- 20 सालों से एनडीए का शासन
- जंगलराज और पलायन
- रोजगार के मुद्दे पर एनडीए की चुप्पी
- महागठबंधन का विकास दृष्टिकोण
- छठ पर्व की महत्ता
छपरा, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे खेसारी लाल यादव ने एनडीए नेताओं पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि बीस साल से एनडीए की सरकार के बावजूद नेता केवल जंगलराज की चर्चा करते हैं। लेकिन, रोजगार और पलायन पर क्यों नहीं बोलते हैं?
राष्ट्र प्रेस से खास बातचीत में खेसारी ने कहा कि एनडीए के नेता हर चुनाव में मंदिर-मस्जिद, हिंदू-मुस्लिम और सनातन जैसे मुद्दों पर बात करते हैं, लेकिन रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और पलायन पर चुप्पी साधे रहते हैं। उन्होंने महागठबंधन के चुनावी घोषणा पत्र पर कहा कि मुझे विश्वास है कि घोषणा पत्र में बिहार के हित को ध्यान में रखते हुए घोषणाएं होंगी क्योंकि महागठबंधन हमेशा रोजी-रोटी और पलायन रोकने की बात करता है।
उन्होंने कहा कि हर पांच साल में चुनाव होते हैं, लेकिन हर बार एनडीए के पास जंगलराज का ही मुद्दा रहता है। मान लेते हैं कि बिहार में जंगलराज था। लेकिन, बीस साल से तो बिहार में एनडीए की सरकार है, वोट मांगने के लिए हर बार जंगलराज का जिक्र क्यों किया जाता है? बिहार के युवा पलायन कर रहे हैं, यहां पर रोजगार नहीं है। एनडीए के नेता इस पर बात क्यों नहीं करते हैं? उन्होंने कहा कि हमें सनातन या धर्म की शिक्षा देने की जरूरत नहीं है। हम सनातनी हैं और सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। एनडीए के पास सिर्फ बीस साल से यही हिंदू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद, सनातन का मुद्दा है। इससे बिहार के लोगों को क्या फायदा?
खेसारी ने तंज करते हुए कहा कि एनडीए के नेता खुद को बड़ा दिखाते हैं, लोगों को छोटा करते हैं। यहां प्रवचन नहीं, रोजगार की बात होनी चाहिए। पलायन पर चर्चा कब होगी? सनातनी तो हम हैं, आपको सिखाने की जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि बीस साल से बिहार की जनता एनडीए के नेताओं को संत बनाने के लिए वोट नहीं दे रही है। बिहार की जनता को रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और अस्पताल चाहिए।
उन्होंने पलायन का दर्द बयां करते हुए कहा कि एक पत्नी का दर्द समझिए, जिसका पति सालों-साल परिवार के लिए परदेश में रहता है। उन्होंने कहा कि अगर वोट हमने एनडीए को दिया है तो क्या हम रोजगार के लिए अमेरिका से ट्रंप को लाएंगे।
खेसारी ने कहा कि एनडीए के नेता हर चुनाव में मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उठाते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। सभी साथ में रहते हैं। मेरे गांव में भी हिंदू-मुस्लिम हैं जो वर्षों से साथ में रहते हैं।
छठ पर्व के समापन पर उन्होंने कहा कि आस्था के महापर्व पर देशवासियों को आशीर्वाद मिला। छठ पूजा में बिहार के लोगों का प्राण बसता है। सभी को ढेर सारी बधाई। छपरा में छठ मनाने की बात पर उन्होंने कहा कि छठ घाट पर सेल्फी लेने वालों से व्रतियों को दिक्कत होती है, इसलिए घाट पर नहीं गया। अगले साल से छठ मैया से आशीर्वाद लेने घाट पर जरूर जाऊंगा।