क्या अमेरिका को अखर रही हैं किम, शी और पुतिन की नजदीकियां? उत्तर कोरिया ने की दीर्घकालिक योजनाओं पर चर्चा

सारांश
Key Takeaways
- किम जोंग उन और पुतिन ने दीर्घकालिक सहयोग पर चर्चा की।
- यह मुलाकात अमेरिका के खिलाफ एकजुटता का प्रतीक है।
- उत्तर कोरिया ने रूस को सैनिक सहायता प्रदान करने का वचन दिया।
सियोल, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चीन की सैन्य परेड के दौरान बीजिंग में दोनों देशों के दीर्घकालिक योजनाओं पर चर्चा की। यह जानकारी सरकारी मीडिया ने गुरुवार को साझा की।
किम और पुतिन बुधवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वहां आयोजित विशाल सैन्य परेड में शामिल हुए थे। इसके कुछ घंटों बाद, उत्तर कोरिया और रूस के दोनों शीर्ष नेताओं ने बातचीत की।
किम जोंग ने बीजिंग में जापान के खिलाफ विजय और द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ के समारोह में जिनपिंग और पुतिन के साथ खड़े होकर बहुपक्षीय कूटनीतिक मंच पर अपनी पहली उपस्थिति दर्ज कराई। तियानमेन चौक पर आयोजित समारोह में तीनों नेताओं का एक साथ आना अमेरिका के खिलाफ उनकी एकजुटता के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।
कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के हवाले से योनहाप की रिपोर्ट में कहा गया कि किम और पुतिन ने दोनों देशों के बीच सहयोग की दीर्घकालिक योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाई।
पुतिन ने द्विपक्षीय संबंधों को ‘विश्वास, मित्रता और गठबंधन का विशेष संबंध’ बताते हुए कहा कि रूस यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में तैनात उत्तर कोरियाई सैनिकों के बलिदान को हमेशा याद रखेगा।
किम जोंग ने कहा कि उत्तर कोरिया अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए रूस के प्रयासों का पूरी तरह समर्थन करेगा। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि उत्तर कोरिया मास्को को सहायता प्रदान करना अपना ‘भाईचारे का कर्तव्य’ मानता है। वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर खुले विचारों का आदान-प्रदान भी किया।
रूसी मीडिया रिपोर्टों में बुधवार को कहा गया कि पुतिन ने किम को फिर से रूस आने का निमंत्रण दिया, लेकिन उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने इस पर कोई रिपोर्ट नहीं दी।
किम-पुतिन की वार्ता ऐसे समय में हुई है, जब दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है, क्योंकि ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध निकट भविष्य में खत्म हो सकता है।
रूस की तास समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक की शुरुआत में पुतिन ने कहा कि उत्तर कोरिया के सैनिक किम की ‘व्यक्तिगत पहल’ से प्रेरित होकर अग्रिम पंक्ति के कुर्स्क क्षेत्र की मुक्ति में शामिल हुए।
दक्षिण कोरिया की जासूसी एजेंसी राष्ट्रीय खुफिया सेवा (एनआईएस) ने कहा, ‘पिछले साल अक्टूबर से उत्तर कोरिया ने युद्ध में रूस की मदद के लिए लगभग 15,000 सैनिक भेजे हैं।’
एनआईएस ने मंगलवार को कहा था कि उत्तर कोरिया अपने सैनिकों की तैनाती के तीसरे बैच में लगभग 6,000 अतिरिक्त सैनिक रूस भेज सकता है। लगभग 1,000 कॉम्बैट इंजीनियर पहले ही रूस पहुंच चुके हैं। एजेंसी ने यह भी अनुमान लगाया है कि अब तक युद्ध के लिए भेजे गए लगभग 2,000 उत्तर कोरियाई सैनिक मारे जा चुके हैं।