क्या किसानों की आय बढ़ाने के लिए पशुपालन व्यवस्था सबसे प्रभावी है?: मंत्री धर्मपाल सिंह
सारांश
Key Takeaways
- पशुपालन और खेती एक-दूसरे के पूरक हैं।
- गायों के लिए अनुदान किसानों की आय बढ़ाने में मददगार है।
- उत्तर प्रदेश में अंडों का उत्पादन तेजी से बढ़ा है।
फर्रुखाबाद, 27 दिसंबर (आईएएमएस)। उत्तर प्रदेश सरकार में दुग्ध एवं पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने शनिवार को फर्रुखाबाद के कायमगंज में एक स्कूल के कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज की 'जेन जी' पीढ़ी में माता-पिता और भाई-बहन सभी कुछ स्मार्टफोन बन गए हैं। बच्चों के लिए स्मार्टफोन की आवश्यकता है, लेकिन इसे सीमित रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को केवल पढ़ाई के लिए ही स्मार्टफोन देना चाहिए, क्योंकि आज के समय में गूगल पर एक शब्द डालते ही उसका अर्थ मिल जाता है।
गौ संरक्षण पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में किसानों की प्राथमिकता नहीं थी, बल्कि कसाइयों की थी। जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे, तब गायें कसाइयों से डरती थीं, लेकिन अब योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद कसाइयों को गायों से डर लगता है।
उन्होंने कहा कि किसानों की आय दुगनी करने के लिए पशुपालन की व्यवस्था सबसे मजबूत है; खेती और पशुपालन एक-दूसरे के पूरक हैं। उत्तर प्रदेश की एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था में पशुपालन विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है।
धर्मपाल सिंह ने बताया कि यदि किसान उत्तम नस्ल की गायें दूसरे राज्यों से लाते हैं, तो उन्हें एक गाय पर 40,000 रुपए का अनुदान मिलता है और दो गायों पर 80,000 रुपए का अनुदान। यदि कोई 25 गायों के लिए गौशाला बनाता है, तो उसे 64 लाख रुपए की योजना में 32 लाख रुपए का अनुदान दिया जाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि लघु पशुओं के लिए अनेक योजनाएँ हैं, जैसे बकरी, मुर्गी और भेड़ पालन। उत्तर प्रदेश में रोजाना 3 करोड़ अंडों की आवश्यकता होती है, जबकि पहले 1 करोड़ अंडों का उत्पादन होता था। आज अंडों के उत्पादन में उत्तर प्रदेश अग्रणी है।